तिरुपति प्रसाद मामला: मिलावटी घी के मंदिर पहुंचने पर कपिल सिब्बल ने उठाए सवाल, सुप्रीम कोर्ट ने नई SIT गठित करने के जारी किए निर्देश
- सुप्रीम कोर्ट में हुई तरुपति प्रसाद मामले की सुनवाई
- कपिल सिब्बल ने अशुद्ध घी के मंदिर पहुंचने पर उठाए सवाल
- कोर्ट ने मामले में नई SIT गठित करने का दिया आदेश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट मामले में स्वतंत्र एसआईटी की जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ एडवोकेट कपिल सिब्बल ने सवाल उठाया कि जब जुलाई में पता चला गया था कि लड्डू को अशुद्ध घी में बनाया जा रहा था। फिर तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने मंदिर में घी के पहंचने की परमिशन कैसे दी। इसके अलावा कपिल सिब्बल ने मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के आरोपों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सीएम चंद्रबाबू को कैसे पता चला कि प्रसाद में मिलावट हुई है।
कोर्ट में जस्टिस भूषण रामकृष्णन गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने प्रसाद में मिलावट की जांच के लिए पांच सदस्यों की स्वतंत्र एसआईटी के गठन करने की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा कोर्ट ने यह साफ तौर पर कहा कि कोर्ट को राजनीतिक युद्ध के मैदान के रूप में उपयोग करने की इजाजत नहीं मिलेगी।
कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी के बीच हुई तीखी बहस
कोर्ट में तिरुपति प्रसाद मामले में पूर्व राज्यसभा सांसद और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के पूर्व चेयरमैन वाईवी सुब्बा रेड्डी के पक्ष में कपिल सिब्बल दलील पेश कर रहे हैं। कोर्ट में कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि इस मामले में स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है। सीएम चंद्रबाबू के बयान को देखे तो राज्य सरकार की ओर से गठित एसआईटी टीम से स्वतंत्र जांच की उम्मीद नहीं लगाई जा सकती है। यदि सीएम ऐसा कोई बयान नहीं देते, तो यह सवाल ही नहीं उठता।
इस दौरान आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कपिल सिब्बल की दलील पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि जुलाई में नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनबीबीडी) ने प्रसाद में मिलावट होने के संबंध में लैब रिपोर्ट जारी की थी। सीएम चंद्रबाबू नायडू ने इसके आधार पर ही बयान दिया था। इसके बाद कपिल सिब्बल ने मुकुल रोहतगी को रोकते हुए सवाल पूछा, 'चंद्रबाबू नायडू को कैसे पता कि लड्डू प्रसाद में चर्बी का इस्तेमाल हुआ?' इस पर मुकल रोहतगी ने कहा कि लैब रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई थी। इसके बाद कपिल सिब्बल ने मुकुल रोहतगी को फिर से टोकते हुए कहा रिपोर्ट में वेटीटेबल फैट के इस्तेमाल के बारे में कहा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने गठित की नई SIT
इसके बाद जस्टिस केवी विश्वनाथन ने टीटीडी के वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा से पूछा, 6 और 12 जुलाई को घी के दो कंसाइनमेंट पहुंचे। टीटीडी के चेयरमैन का ऑन रिकार्ड कहना है कि इन कंसाइमेंट का इस्तेमाल प्रसाद बनाने में नहीं हुआ था। इस पर वकील लूथरा ने कोर्ट में कहा कि ये दोनों कंसाइनमेंट अशुद्ध थे। इस वजह से इनका इस्तेमाल प्रसाद बनाने में नहीं हुआ था। इस पर कपिल सिब्बल ने फिर से पूछा कि फिर कैसे मंदिर में अशुद्ध घी को पहुंचाने की अनुमति मिली? वकील लथूरा ने जवाब दिया कि दिसंबर में तत्कालीन सरकार ने सप्लायर को इसका कॉन्ट्रैक्ट दिया था। इसे लेकर टीटीडी के पूर्व चेयरमैन सुब्बा रेड्डी का कहना है कि प्रसाद बनाने में अशुद्ध घी का उपयोग नहीं हुआ था।
दोनों पक्षों की इन दलीलें सुनने के बाद जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन के पीठ ने कहा कि नई एसआईटी टीम में सीबीआई और आंध्र प्रदेश पुलिस के दो-दो अफसर शामिल रहेंगे। साथ ही FSSAI के एक सीनियर अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। पीठ ने कहा, 'हम स्पष्ट करते हैं कि हम न्यायालय का राजनीतिक युद्ध के मैदान के रूप में इस्तेमाल नहीं होने देंगे लेकिन करोड़ों लोगों की भावनाओं को शांत करने के लिए हम चाहते हैं कि जांच एक स्वतंत्र एसआईटी से करवाई जानी चाहिए।'