रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह: 22 को नहीं 21 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगे पीएम मोदी, शेड्यूल बदलने की पीछे ये है बड़ी वजह
- पीएम मोदी के अयोध्या दौरे में हो सकता है बदलाव
- कोहरे और मुहूर्त का समय है वजह
- प्राण प्रतिष्ठा से पहले करेंगे जटायू मूर्ति का पूजन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने जा रही है। इस ऐतिहासिक समारोह में पीएम मोदी समेत देश की कई नामचीन हस्तियां शामिल होंगी। इस बीच खबर आ रही है कि पीएम नरेंद्र मोदी के अयोध्या दौरे में बदलाव हो सकता है। वह अब प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पहले 21 जनवरी को अयोध्या पहुंच सकते हैं। इसकी वजह सुबह के समय रहने वाला घना कोहरा और मुहूर्त को बताया जा रहा है। दरअसल, कोहरे के कारण जहां फ्लाइट के लैंड होने में समस्या आ सकती है। वहीं प्रधानमंत्री को प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के लिए किसी भी कंडीशन में सुबह 11 बजे मंदिर परिसर में पहुंचना है।
इसी को ध्यान में रखते हुए पीएम के शेड्यूल में बदलाव हो सकता है। वह 22 की जगह 21 जनवरी की शाम को ही अयोध्या पहुंच सकते हैं। हालांकि इस बदलाव की आधिकारिक पुष्टि प्रशासन की तरफ से अभी तक नहीं की गई है।
ऐसा रहेगा पीएम का कार्यक्रम
प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन की सुबह पीएम सबसे पहले सरयू में स्नान कर सकते हैं। इसके बाद वह सरयू घाट से पैदल चलकर 200 मीटर की दूरी पर स्थित नागेश्वरनाथ मंदिर में जलाभिषेक कर सकते हैं। राम मंदिर ट्रस्ट से जुड़े सूत्रों ने ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नागेश्वर मंदिर की दूरी राम मंदिर से करीब 2 किलोमीटर है। पीएम यहां से सरयू का जल लेकर पैदल ही मंदिर तक जा सकते हैं। इस दौरान पीएम माता सीता की कुलदेवी के मंदिर में जाकर भी पूजा कर सकते हैं।
बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन पीएम मोदी सबसे पहले मंदिर परिसर में स्थापित गिद्धराज जटायू की मूर्ति का पूजन करेंगे। इसके बाद वह रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूजा में शामिल होंगे।
यम नियमों का कठोरता से पालन कर रहे पीएम
पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा के लिए यम नियमों का सख्ती से पालन कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, इन नियमों के मुताबिक पीएम केवल नरियल का पानी पी रहे हैं। पलंग की जगह जमीन पर सो रहे हैं। बता दें कि इन नियमों का आज आठवां दिन है और इस दौरान पीएम ने अन्न नहीं ग्रहण किया है।
क्या है यम नियम?
पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने इन 11 दिवसीय यम नियमों के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा है, अनुष्ठान में जिन यम नियमों का पालन करना होता है उनमें यजमानों को रोज सुबह स्नान करना होगा। बाहरी भोजन व धूम्रपान का त्याग करना होगा। क्रोध, अहंकार और मद से मुक्त रह कर मन को विचलित करने के दृश्यों से दूरी बनानी होगी। सच बोलने के व्रत में कठनाई आने पर मौन रहना होगा। रोज होने वाले पूजन को करने से पहले यजमान ठंडे पानी के साथ फलाहार ग्रहण कर सकते हैं। वहीं सांयकालीन आरती के बाद खाने में सात्विक भोजन और सेंधा नमक खा सकते हैं।
इस नियम में यजमान को सदविचार और सही चिंतन करने वाला होना चाहिए। साथ ही इसमें आचार्य व ब्राह्मणों से झगड़ा और उन्हें कटु वचन बोलना वर्जित है। पुरूष यजमान सिला हुआ सूती वस्त्र नहीं पहन सकेंगे। पत्नियां लहंगा और चोली जैसे सिले हुए वस्त्र पहन सकती हैं। इसके अलावा स्वेटर, ऊनी शॉल और कंबल को भी पहना जा सकता है। भोजन में हल्दी, सरसों, उड़द, मूली, बैंगन, लहसुन, प्याज, मदिरा, अंडा, मास, तेल से बना पदार्थ, चना, चावल, राई, भुजिया, गुड़ आदि वर्जित है। खाने की चीजें भगवान को भोग लगाकर ली जा सकती हैं।
दोपहर को सबसे पहले ब्राह्मण को भोजन कराना होगा उसके बाद ही यजमान भोजन कर सकेगा। खटिया पर सोना और बैठना वर्जित होगा। पुरुष व महिला आसन के लिए कंबल का प्रयोग कर सकते हैं। सारा काम हो जाने के पहले रोज बिछौना पर बैठना, दाढी और नाखून निकालना वर्जित है।