भारत-कनाडा तनाव: भारतीय राजदूत संजय वर्मा ने कनाडा और खालिस्तानी समर्थकों के संबंधों पर किया चौंकाने वाला खुलासा, ट्रूडो पर लगाए गंभीर आरोप

  • कनाडा से आए भारतीय राजदूत संजय कुमार वर्मा
  • भारत में आकर कनाडा के समर्थकों का किया खुलासा
  • ट्रूडो ने लगाए थे भारत पर गंभीर आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-21 08:05 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कनाडा से आए भारतीय राजदूत संजय कुमार वर्मा ने कनाडा और खालिस्तानी समर्थकों को लेकर बड़ा खुलासा किया है। संजय कुमार वर्मा ने कहा कि खालिस्तानी चरमपंथी और आतंकवादी कनाडा सुरक्षा खुफिया सेवा के लिए एक बहुत ही कीमती संपत्ति की तरह है। कनाडा की सीटीवी न्यूज के इंटरव्यू में संजय कुमार वर्मा ने बताया कि जस्टिन ट्रूडो सरकार हमेशा खालिस्तानी चरमपंथियों को प्रोत्साहन देते हैं। साथ ही उन्होंने कहा है कि वो ये जानते हैं कि इनमें से कुछ खालिस्तानी चपरमंथी और आतंकवादियों के सीएसआईएस के काफी गहरे संबंध हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैं कोई सबूत नहीं दे रहा हूं।

निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट पर लगाए आरोप

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी अलगाववादी निज्जर की हत्या को लेकर भारतीय एजेंट पर आरोप लगाया था। भारत ने इस आरोप को बेतुका बताकर कनाडा सरकार को ठोस देने को कहा। लेकिन ट्रूडो कोई भी सबूत देने में असफल रहे। जिसके बाद पिछले हफ्ते कनाडा के पीएम ट्रूडो ने भारत सरकार पर काफी सारे गंभीर आरोप लगाए हैं। कनाडा सरकार ने निज्जर के हत्या मामले की जांच में वरिष्ठ राजनीतिज्ञों को पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट बताया था। इसके बाद दोनों देशों के रिश्ते में और खराबी आ गई है। जिसके बाद भारत ने अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है। इसके अलावा, पिछले हफ्ते ट्रूडो के तरफ से एक भाषण में हा गया था कि कनाडा सरकार के दावे खुफिया जानकारी के मुताबिक थे, ना कि सबूतों पर।

भारतीय राजदूत की चिंता

भारतीय राजदूत संजय कुमार वर्मा ने अनुरोध करते हुए कहा है कि, हम चाहते हैं कि वर्तमान कनाडा की सरकार हमारी मुख्य चिंताओं को ईमानदारी से समझें ना कि खालिस्तानियों के साथ मिलकर भारतीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि खालिस्तानी चरपंथी कनाडा के नागरिक हैं जो दूसरे देश की संप्रभुता को चुनौती दे रहे हैं।

भारत के नागरिक करेंगे फैसला

संजय कुमार वर्मा ने आगे कहा है कि, भारत में क्या होता है इसका फैसला भारतीय नागरिक करेंगे। क्योंकि ये खालिस्तानी चरमपंथी भारतीय नागरिक नहीं हैं। वो कनाडा के नागरिक हैं और किसी भी देश को अपने नागरिकों को दूसरे देश की संप्रभुता को ठेस नहीं पहुंचाने देना चाहिए। 

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