नागरिकता संशोधन कानून: आज रात से ही देश में लागू हो सकता है CAA, मोदी सरकार बड़ा ऐलान करने की तैयारी में

  • पीएम मोदी थोड़ी देर में देश को करने वाले हैं संबोधन
  • आज ही लागू हो सकता है CAA
  • मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी तैयारी में

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-11 11:39 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। CAA को लेकर इस वक्त बड़ी खबर सामने आ रही है। आज रात यानी सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से CAA का नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। केंद्र सरकार आज रात को नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए को लागू कर सकती है। बता दें कि, करीब पांच साल पहले ही CAA संसद से पारित हो चुका है। सरकार की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव से पहले ही देश में इस कानूनों को पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा। जिसके संकेत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी दे चुके हैं। 

क्या है नागरिकता संशोधन कानून (CAA)?

नागरिकता कानून साल 1955 में आया था। इसके तहत किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 वर्ष भारत में रहना होगा। संशोधित विधेयक में पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक शरणार्थियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को नागरिकता मिलने का समय घटाकर 11 साल से 6 साल किया गया है। मुस्लिमों और अन्य देशों के नागरिकों के लिए यह अवधि 11 साल रहेगी।

गौरतलब है कि संशोधित नागरिकता अधिनियम-2019 (CAA) को लेकर लंबे समय से राजनीति जारी है। 2019 में यह सदन से पारित हुआ था। जिसे राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल चुकी है। हालांकि, अभी तक इस कानून को देश में लागू नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार जल्द इसे लागू करेगी।  

बता दें कि, नरेंद्र मोदी की सरकार ने 31 दिसंबर 2014 को या इससे पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध,पारसी और ईसाई समुदाय) को भारतीय नागरिकता देने का प्रवाधन किया है। इसके अलावा नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के हाथों में होगा। 

हाल ही में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा था कि अगर उनकी (कांग्रेस) सरकार आई तो वह CAA को रद्द कर देगी। उन्होंने कहा कि असम में बाहर से आए नागरिकों के लिए वैध तरीके से निवास की अंतिम तारीख 1971 है, लेकिन CAA लागू हुआ तो वह उसे हटाकर अंतिम तारीख 2014 कर देगी। कांग्रेस नेता का कहना है कि बांग्लादेश से असम में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देने के लिए अंतिम तारीख 25 मार्च, 1971 रखना चाहिए। 

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