बजट सत्र 2024: 92 साल पुरानी परंपरा तोड़ 1 फरवरी को पेश किया जाने लगा आम बजट, किसने तोड़ी परंपरा और क्या थी वजह?
- 1 फरवरी को सदन पलट पर पेश होगा 2024 का अंतरिम बजट
- निर्मला सीतारमण ने बजट को पेश करने की तैयारी लगभग पूरी की
- बजट से देश की जनता की लगी हुई है उम्मीद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का अंतरिम बजट पेश करेंगी। करदाताओं को इस बजट से बहुत उम्मीदे हैं। बता दें कि देश में आजाद भारत का पहला बजट प्रथम वित्त मंत्री आर के शणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था। साल 2017 से पहले बजट फरवरी के अंत में पेश किया जाता था। साल 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट को फरवरी के अंतिम दिन के बजाय पहले दिन पेश करने का ऐलान कर दिया। फरवरी के पहले दिन बजट को पेश करने के अनेक कारण हैं जो आज हम आपको बताएंगे।
मिलता है पर्याप्त समय
नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत 1 अप्रैल से होती है। ऐसे में बजट को पहले पेश करने से सरकार के पास नए वर्ष का बजट तैयार करने के लिए पर्याप्त समय मिलता है। इससे सरकार को नई नीतियां और योजनाओं को लागू करने के लिए जल्दबाजी नहीं करनी पड़ती। बता दें कि, बजट बनाने के लिए सर्वे करना पड़ता है। सर्वे पेश करने के बाद वित्त मंत्रालय का व्यय विभाग सभी मंत्रालयों, संस्थानों, सैन्य बलों और विभागों के साथ मीटिंग करता है। जिसमें उन्हें एक एस्टिमेट तैयार करने को कहा जाता है। जिसके बाद उनके खर्च के बारे में भी जाना जाता है। बजट बनाने के लिए वित्त मंत्री प्रधानमंत्री की भी सलाह लेता है। इस पूरी प्रक्रिया में समय लगता है। ऐसे में सरकार 1 फरवरी को बजट पेश करती है तो उसे लागू करने और फिर नए बजट को तैयार करने के लिए ज्यादा समय मिलता है।
92 साल पुरानी पंरपरा को तोड़ा
नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत 1 अप्रैल से हो जाएगी। केंद्र सरकार ने 1 फरवरी को बजट पेश करके 92 साल पुरानी परंपरा को तोड़ने का फैसला लिया। यह परंपरा ब्रिटिश राज से चली आ रही थी। लेकिन 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट को फरवरी के अंतिम दिन के बजाय पहले दिन पेश करने का ऐलान कर दिया था। उसके बाद से ही यह परंपरा चली आ रही है।