बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: लोकसभा चुनाव से पहले ममता सरकार को बड़ा झटका, कोलकाता हाईकोर्ट ने रद्द की 25 हजार स्कूल टीचर्स की भर्ती
- ममता सरकार को बड़ा झटका
- कोलकाता एचसी ने रद्द की 25 हजार भर्तियां
- 5 से 15 लाख रुपये घूस लेने का आरोप
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कोलकाता हाईकोर्ट से बड़ झटका लगा है। कोर्ट ने 2016 में राज्य के स्कूलों में हुए करीब 25 हजार से ज्यादा टीचर्स और नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्तियों को रद्द करने का फैसला सोमवार (22 मार्च) को सुनाया है। 2016 में स्टेट लेवल टेस्ट के जरिए टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती हुई थी जिसे अब अदालत ने रद्द कर दिया है। अदालत ने भर्ती प्रक्रिया में हुए अनियमितताओं के कारण यह बड़ा फैसला सुनाया है। बता दें कि इस मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी भी हुई थी।
पश्चिम बंगाल में 2016 में हुई स्कूल शिक्षकों की भर्ती में अनियमितता के आरोप लगने के बाद लोगों ने याचिका दायर कर अदालत का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में जांच करते हुए केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले की जांच शुरू की। इस दौरान जांच एजेंसी ने बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी सहित पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के कई पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया था।
25 हजार से ज्यादा नौकरियां गई
बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले पर कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस देबांग्सु बसाक और मोहम्मद शब्बर रशीदी की पीठ ने आज सोमवार को सुनवाई की। अदालत ने मामले पर फैसला सुनाते हुए राज्य के 25 हजार से ज्यादा भर्तियां रद्द कर दी है। इसके अलावा अदालत ने ममता सरकार को 6 हफ्ते के भीतर सभी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की सैलरी लौटाने का आदेश दिया है। बता दें कि इन शिक्षकों की भर्ती के लिए 5 से 15 लाख रुपये घूस लेने का आरोप लगा था।
क्या है पूरा मामला?
बंगाल में साल 2016 में माध्यमिक और उच्चतर माध्मिक स्कूलों में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती हुई थी। स्टेट लेवल टेस्ट के जरिए हुए इन भर्तियों में अनियमितता के कई आरोप लगें। परीक्षार्थियों ने परीक्षा में फेल होने और कम अंक मिलने वाले कैंडिडेट्स को भी नौकरी मिलने की शिकायत की थी। इस मामले में कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई। सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था। सीबीआई ने दो महीने के भीतर कोर्ट को जांच रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट मिलने के बाद 20 मार्च तक अदालत ने इस मामले पर सुनवाई पूरा करने के बाद आज 22 अप्रैल को फैसला सुनाया है।