टमाटर के बाद अब बढ़ेंगे प्याज के दाम, रिपोर्ट में हुआ खुलासा, जानिए कीमत बढ़ने की मुख्य वजह?

  • टमाटर के बाद अब प्याज निकालेगा आंसू!
  • अगस्त महीने से ही प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी होने की उम्मीद

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-05 06:28 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। टमाटर की कीमत ने किचन का बजट बिगाड़ कर रखा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में टमाटर का भाव अलग-अलग दामों में मिल रहे हैं। कहीं टमाटर 120 रुपये किलो तो कहीं 200 रुपये प्रति किलो में बिक रहा है। लेकिन कुछ जगहों पर टमाटर की कीमतों से उपभोक्ताओं को राहत मिली है। औसतन टमाटर 90 रुपये प्रतिकिलो मिल रहा है। टमाटर के बाद अब प्याज की कीमत में आग लग सकती है। एक रिपोर्ट सामने आया है जिसमें अंदेशा जताया गया है कि प्याज की कीमत में भी टमाटर की तरह ही बढ़ोत्तरी हो सकती है। मौजूदा समय में खुले बाजार में प्याज की कीमत 28 से लेकर 32 रुपये तक है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने के अंत तक प्याज की कीमत में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हो सकती है। प्याज के दाम में बढ़ोत्तरी होने का मुख्य कारण खाद्य पदार्थ की कमी बताई जा रही है। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त के आखिरी तारीख तक प्याज की कीमत 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ने की संभावना है। राहत देने की ये भी खबर है कि साल 2020 की तरह प्याज की कीमतों में इस बार बढोत्तरी नहीं देखी जाएगी।

कम उत्पादन की वजह से बढ़ेंगे दाम

क्रिसिल मार्केट के रिपोर्ट में कहा गया है कि रबी प्याज की शेल्फ लाइफ 1 से 2 महीने कम होने और इस साल फरवरी-मार्च में बिकवाली के कारण ओपन मार्केट में रबी स्टॉक सितंबर के बजाय अगस्त के अंत तक काफी घटने की उम्मीद है। जिसकी वजह से प्याज का स्टॉक बढ़ सकता है। साथ ही ये भी कहा गया है कि 15-20 दिनों तक मंदी का मौसम, जिससे बाजार में आपूर्ति में कमी रहने वाली है। जिसका असर कीचन पर सीधा पड़ने वाला है।

प्याज की कीमतों में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी

रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब एक महीने यानी सिंतबर तक प्याज की कीमत उपभोक्ताओं को रुलाने वाला है। जबकि अक्टूबर में प्याज की नई फसल आने से बाजार में प्याज की कीमतों में कमी देखी जा सकती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि त्‍योहारी महीने अक्टूबर से दिसंबर में प्याज की कीमतों में उतार-चढ़ाव जैसी स्थिति बनी रहेगी। इस साल के शुरूआत में यानी जनवरी से लेकर मई तक, दाल, अनाज और हरी सब्जियां महंगी थीं, जिसने लोगों के जेब पर काफी असर डाला था। खास बात ये भी है कि इस दौरान प्याज की कीमत आम लोगों के बजट के अंदर ही था।

नए प्याज की किसानों ने नहीं की बुआई

जनवरी और मई के बीच प्याज की कीमत में आई कमी की वजह से किसानों ने नए फसल की बुआई नहीं की है। जिसका खामियाजा अब भुगताना पड़ेगा। प्याज की बुआई न होने की वजह से इस वर्ष रकबा 8 फीसदी घटने की संभावना है। साथ ही प्याज का खरीफ उत्पादन 5 फीसदी गिरने का अंदाजा लगाया गया है। इस साल प्याज का उत्पादन 29 मिलियन टन (एमएमटी) होने की उम्मीद है।

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