ज्ञानवापी मामला: व्यास जी के तहखाने में पूजा के बाद अब मूर्तियों का दर्शन हुआ शुरू, भक्तों की उमड़ी भारी भीड़

  • कोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुई पूजा
  • गुरुवार तड़के हुई पूजा
  • भक्तों भारी भीड़ उमड़ेगी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-01 17:10 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। करीब 31 साल बाद ज्ञानवापी के तहखाने में दोबारा पूजा शुरू होने के साथ ही यहां मूर्तियों के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ भी लगने लगी। यहां काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करने आने वाले लोगों को उत्तरी दरवाजे से व्यासजी का तहखाना देखने और उसके अंदर रखी देवी-देवताओं की मूर्तियों का दर्शन करने का अवसर मिल रहा है। गुरुवार की सुबह पूजा शुरू होने के साथ ही शाम से विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करने आ रहे लोग यहां भी आ रहे हैं। प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने यहां आने वाले भक्तों के दर्शन के लिए जरुरी इंतजाम भी किए हैं। हालांकि सही व्यवस्था के अभाव में लोगों को अभी केवल तहखाने के बाहर से ही दर्शन कराए जा रहे हैं।

1993 तक होती थी पूजा

ज्ञानवापी परिसर के इस तहखाने में साल 1993 तक व्यासजी का परिवार पूजा करता था। लेकिन अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराए जाने के बाद सुरक्षा के मद्देनजर ज्ञानवापी परिसर के चारों तरफ लोहे की फेंसिंग कर दी गई। जिससे यह तहखाना बाढ़ के अंदर आ गया और पूजा पाठ बंद हो गई। इस जगह पर दोबारा पूजा शुरू करने के लिए व्यासजी का परिवार कोर्ट गया था।

बता दें कि बुधवार को वाराणसी जिला कोर्ट ने व्यासजी के परिवार की याचिका पर तहखाने में पूजा करने की इजाजत दी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को एक हफ्ते के अंदर पूजा का प्रबंध करने का आदेश भी दिया था। जिसके बाद जिलाधिकारी पुलिस प्रशासन के बाद यहां पहुंचे और पूजा करने के लिए आवाश्यक प्रबंध किए।

एबीपी न्यूज ने व्यास परिवार के जितेंद्र नाथ व्यास के हवाले से बताया कि वाराणसी जिलाधिकारी, वाराणसी पुलिस कमिश्नर, डीसीपी और अन्य पुलिस अधिकारियों की टीम की मौजूदगी में देर रात 12:30 बजे पूजा शुरू हुई जो रात लगभग 1:30 बजे तक चली।

कैसे हुई पूजा?

पूजा के दौरान मंदिर के पुजारी और व्यास परिवार के लोग मौजूद थे। सबसे पहले 12 बजे के करीब गंगाजल से तहखाने का शुद्धिकरण किया गया। इसके बाद गंगाजल और पंचगव्य से मूर्तियों को स्नान कराया गया। इसके बाद गणपति का आह्वान किया गया। फिर फूल अक्षत से स्वस्तिनों वाचन करके पूजा शुरू हुई, जो करीब आधा घंटे चली। बता दें कि तहखाने में विष्णु भगवान की एक, गणेश भगवान की एक, हनुमानजी की दो, जोशीमठ की दो और भगवान शिव की दो मूर्तियों की पूजा की गई। इसके अलावा यहां मौजूद एक राम लिखे पत्थर और एक मकर अखंड ज्योति को पूजा गया।

वीडियो आया सामने

व्यास तहखाने में हुई इस पूजा का वीडियो भी सामने आया है। जिसे हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने अपने एक्स अकाउंट से शेयर किया है। इसके साथ ही उन्होंने पूजा की तस्वीरें भी शेयर की हैं। इसके अलावा मामले में हिंदू पक्ष के वकील व्यास जी की पूजा का टाइमटेबल भी जारी किया है। उन्होंने कहा, "राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेश का अनुपालन किया है, वहां पर बैरिकेडिंग की गई है। वहां जो देवी-देवता विराजमान थे उन्हें फिर से स्थापित कर पूजा शुरू कर दी गई है, व्यास जी के तहखाने में नियमित पूजा शुरु की गई है।"

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