कोलकाता के NS बनर्जी रोड पर जोरदार धमाका: हादसे में दो लोग घायल, इलाके को किया गया सील, केंद्रीय मंत्री ने की NIA जांच की मांग

  • कोलकाता के NS बनर्जी रोड पर धमाका
  • हादसे में दो लोग घायल
  • NIA जांच की उठी मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-14 13:16 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोलकाता के एसनएन बनर्जी रोड में शनिवार दोपहर जोरदार ब्लॉस्ट हुआ। इस घटना में ब्लोचमैन स्ट्रीट और एसएन बनर्जी रोड के जंक्शन पर दो लोग घायल हो गए। घायलों में एक महिला भी शामिल है। इसके ब्लॉस्ट के बाद घायलों को फौरन एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल, दोनों घायल डॉक्टर्स की निगरानी में हैं।

इस घटना की सूचना मिलने के बाद तालतला पुलिस थाना हरकत में आया। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति और सुरक्षा के कड़े इंतजाम का जायजा लिया। इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के इलाकों को सील कर दिया गया। साथ ही इलाके में आम लोगों के गुजरने पर रोक लगा दिया गया है। इसके अलावा बम निरोधक दस्ते को भी सूचना दी गई है। जानकारी के मुताबिक, हादसे में घायल महिला की पहचान कचरा बीनने वाली महिला के रूप में हुई है। फिलहाल, विस्फोट के कारणों का पता नहीं चल पाया है। 

घटनास्थल को किया सील 

इस घटना के बारे में कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, "लगभग 13.45 बजे सूचना प्राप्त हुई कि ब्लोचमैन सेंट और एसएन बनर्जी रोड के एक्स-इंग पर विस्फोट की एक घटना हुई और कूड़ा बीनने वाला एक व्यक्ति घायल हो गई। इसके बाद ओसी तलतला वहां गए और पता चला कि घायल को एनआरएस अस्पताल में ले जाया गया था और उसकी दाहिनी कलाई पर चोट लगी है। इलाके को सुरक्षा टेप से घेर लिया गया और फिर बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड (बीडीडीएस) टीम को बुलाया गया। इसके बाद, बीडीडीएस कर्मियों ने पहुंचकर बैग और आसपास के क्षेत्र की जांच की। उनकी मंजूरी के बाद, यातायात की अनुमति दी गई।"

इसके अलावा केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने भी घटना को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा, "घटना की तस्वीरें मेरे पास पहुंच चुकी हैं और विस्फोट की मात्रा बहुत चिंताजनक है। भारी विस्फोटक के बिना ऐसा होना संभव नहीं था, अन्यथा इस तरह की घटना नहीं हो सकती थी। मुझे लगता है कि इस मामले में NIA द्वारा जांच की आवश्यकता है।"

केंद्रीय मंत्री ने NIA जांच की मांग की 

इसके बाद उन्होंने कहा, "NIA के बिना मुझे नहीं लगता कि पश्चिम बंगाल पुलिस के पास इतनी क्षमता है कि वे इस तरह के मामले की जांच कर पाए। यह गृह मंत्री के रूप में सीएम ममता बनर्जी की विफलता को भी दोहराता है। आरजी कर की घटना ने पहले ही दिखा दिया है कि स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर भी ममता बनर्जी विफल रहीं और अब इस तरह की घटना हर 3 से 4 महीने के अंतराल में हो रही है।"

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