दिल्ली आशा किरण होम मामला: एक महीने के अंदर 14 बच्चों की मौत, मंत्री आतिशी ने दिया जांच का ऑर्डर, महिला आयोग एक्टिव मोड में
- आशा किरण होम में हुई मौतों के मामले में दिल्ली मंत्री आतिशी ने दिया जांच का ऑर्डर
- जुलाई में हुई 13 बच्चों की मौतें
- महिला आयोग हुआ एक्टिव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की राजधानी दिल्ली के रोहिणी स्थित आशा किरण होम कुछ समय से चर्चा में है। आशा किरण होम में एक महीने के अंदर-अंदर 14 बच्चों की मौत के चलते दिल्ली की मंत्री आतिशी ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। मानसिक दिव्यांग बच्चों के लिए बनाए गए आशा किरण होम में बीते सात महीने में 27 बच्चों की मौत होने की खबर है। वहीं, जुलाई में 14 बच्चों की मौत हुई। दर्जनों बच्चों की मौत की वजह पीने का पानी की अच्छी व्यवस्था ना होना बताया जा रहा है। बस इतना ही नहीं बल्कि बच्चों की देखरेख में भी लापरवाही बरते जाने की जानकारी है।
जांच-पड़ताल का ऑर्डर
बता दें, दिल्ली सरकार के तहत आने वाले आशा किरण होम को ‘मानसिक दिव्यांगों का घर’ के नाम से भी जाना जाता है। किरण होम में बीते कुछ समय से दर्जनों बच्चों की मौत की खबर सामने आई। मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली मंत्री आतिशी ने मजिस्ट्रेट इन्क्वायरी के आदेश दिए हैं। जानकारी के मुताबिक, जुलाई महीने में 20 दिन के भीतर 14 बच्चों की मौत हो गई है।
दर्जनों बच्चों की मौत
जानकारी के मुताबिक आशा किरण होम में, जनवरी में 3, फरवरी में 2, मार्च में 3, अप्रैल में 2, मई में 1, जून में 3 और जुलाई में 14 बच्चों की मौत हुई है। वहीं, साल 2023 में जनवरी से लेकर जुलाई के बीच कुल 14 लोगों की मौत होने की जानकारी है। फिलहाल आशा किरण प्रशासन की ओर से इम मामले में कोई बयान सामने नहीं आया है।
देखरेख में बरती गई लापरवाही
आशा किरण होम को दिल्ली सरकार संचालित करती है। यहां मानसिक रूप से परेशान लोगों की देखरेख की जाती है। खबरों के मुताबिक, देखरेख में बरती गई लापरवाही ही दर्जनों बच्चों की मौत के पीछे की वजह है। आशा होम में रहने वाले लोगों के लिए ठीक व्यवस्था ना होने की जानकारी है।
महिला आयोग ने उठाया सवाल
बच्चों की मौत के चलते राष्ट्रीय महिला आयोग एक्टिव हो गया है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा- हम फैक्ट फाइंडिंग टीम को स्पॉट पर रवाना कर रहे हैं। टीम मानसिक स्वास्थ्य रोगियों की मौत के लिए जिम्मेदार सभी अधिकारियों से मुलाकात करेगी। वह कौन लोग हैं जिन्हें आशा किरण होम चलाने की जिम्मेदारी दी गई है? क्या ऐसे रोगियों को अस्पताल में नहीं रहना चाहिए? हम नाइट शेल्टर का भी ऑडिट कर रहे हैं जो कि दिल्ली सरकार संचालित करती है।