Masik Kalashtami 2024: इस मुहूर्त में करें भगवान काल भैरव की पूजा

  • यह दिन भगवान भैरव को स​मर्पित होता है
  • भगवान शिव के रौद्र अवतार की पूजा होती है
  • सुख-समृद्धि आती है और रोग-दोष दूर होते हैं

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-01 11:50 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी ति​​थि को कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है। यह दिन भगवान भैरव को स​मर्पित होता है और भक्त उनकी पूजा और आराधना विधि- विधान से करते हैं। मान्यता है कि, भगवान शिव के रौद्र अवतार भगवान काल भैरव की उपासना करने से जीवन में सभी प्रकार के सुख और समृद्धि आती है और रोग-दोष व कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही भगवान भैरव अपने भक्तों की हर विपत्ति से रक्षा करते हैं।

इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है कि, कालाष्टमी व्रत के दिन भगवान काल भैरव की उपासना करने से अकाल मृत्यु का डर भी दूर हो जाता है और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। अप्रैल माह के पहले दिन सोमवार को यानि कि आज कालाष्टमी है। आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में...

तिथि और पूजा मुहूर्त

अष्टमी तिथि आरंभ: 01 अप्रैल 2024, सोमवार रात 09 बजकर 10 मिनट से

अष्टमी ​तिथि समापन: 02 अप्रैल 2024, मंगलवर रात 08 बजकर 08 मिनट तक

कब है व्रत: ज्योतिषाचार्य के अनुसार, भगवान काल भैरव की पूजा निशिता काल में की जाती है। ऐसे में कालाष्टमी सोमवार के दिन है।

पूजा मुहूर्त: 01 अप्रैल रात 12 बजकर 01 मिनट से रात 12 बजकर 45 तक

कालाष्टमी पूजा विधि

- कालाष्टमी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि कर साफ वस्त्र पहनें।

- पितरों का तर्पण और श्राद्ध करें।

- इसके बाद व्रत का संकल्प लें।

- इस दिन काल भैरव की पूजा कर उन्हें जल अर्पित करना चाहिए।

- पूजा के दौरान भैरव कथा का पाठ करना चाहिए।

- भगवान शिव-पार्वती की पूजा का भी इस दिन विधान है।

- काल भैरव की पूजा में काले तिल, धूप, दीप, गंध, उड़द आदि का इस्तेमाल करें।

- पूजा के अंत में भगवान काल भैरव की आरती के साथ करें और अगले दिन व्रत का पारण करें।

पूजा के दौरान इस मंत्र का उच्चारण करें

अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्,

भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि!!

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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