पानी से बरपे कहर की सिसक बरकरार: 3 फिट भी नहीं बचा 15 फिट चौड़ा नाला, ऊपर हुए निर्माणों के चलते नजर भी नहीं आता
- पानी बरसने से नाला उफान पर आया
- नगर पालिका के इंजीनियर के खिलाफ केस की मांग
- लोक कार्य में बरती जा रही लापरवाही
डिजिटल डेस्क, सिवनी। सात दिन पहले 10 सितंबर को अतिवृष्टि की मार झेलने वाले विवेकानंद व तिलक वार्ड के लोगों में घरों में हुए जलभराव से बरपे कहर की सिसक सात दिन बाद भी बरकरार है। अतिवृष्टि ने नगर पालिका के अधिकारियों की कोताही को भी सामने ला दिया था, जिसके चलते मठ तालाब का पानी रेलवे के नाले से होते हुए विवेकानंद वार्ड के निचले इलाके में भरा ही, साथ ही भवानी मढिय़ा चौक से वार्ड के निचले इलाके की ओर गए नाला के पानी ने भी कहर बरपाया। दैनिक भास्कर ने वार्ड वासियों के बीच पहुंचकर हालात देखे तो सामने आया कि भवानी मढिय़ा चौक का नाला कई जगह उसके ऊपर किए गए निर्माणों के चलते गुम हो गया है। किसी समय 15 फिट चौड़ा रहा यह नाला भवानी मढिय़ा चौक के बाद आगे सिकुड़ता हुआ बढ़ा है। स्थिति यह है कि आगे जाकर इसकी चौड़ाई कई जगह तीन फिट तक भी नहीं रह गई है। नाले के ऊपर जगह-जगह मकान बन गए हैं। कई स्थानों पर इसे पैक कर दिया गया है। घरों में कमर तक पानी भरने के बाद अब वार्ड वासी तक नाले का सीमांकन कराने की मांग करने लगे हैं, ताकि इस नाले से दोबारा जलभराव जैसे हालात न बन पाएं। नगर पालिका के प्रति वार्डवासियों में आक्रोश भी व्याप्त है। रविवार को पार्षद राजेश राजू यादव के साथ लोगों ने कोतवाली थाना पहुंचकर नगर पालिका के इंजीनियर संतोष तिवारी के खिलाफ लोक कार्य में लापरवाही की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज करने की मांग भी की थी।
घर के भीतर से गुजरते हुए बदली दिशा
भवानी मढिया चौक से आगे सकरा होते चले गए इस नाला को कई जगह खोजना मुश्किल हो जाता है। यह जमीन के भीतर व मकानों के नीचे से होते हुए गुजरा है। जायसवाल कालोनी क्षेत्र में जगह-जगह नाले के ऊपर निर्माण कर लिए गए हैं। कहीं आवाजाही के लिए नाले को पैक कर दिया गया है, कहीं घर के छत पर जाने के लिए सीढ़ी बना ली गई है। एक स्थान पर तो आश्चर्यजनक रूप से घर के भीतर से गुजरे इस नाले ने अपना रूख भी बदला है।
तीन वार्ड का आता है पानी
संजय, शहीद व आजाद वार्ड का पानी विवेकानंद वार्ड के भवानी मढिया चौक तक पहुंचता है और इसी नाले से जायसवाल कालोनी होते हुए आगे बढ़ता है। दस सिंतबर को आठ इंच से ज्यादा पानी बरसने से यह नाला उफान पर आ गया था। संजय, शहीद व आजाद वार्ड से तेजी से आ रहे पानी की राह में सकरे हो गए इस नाले ने भारी रूकावट पैदा कर दी थी। पैक नाले में जहां से जगह मिली वहीं से तेज प्रवाह से निकला पानी दर्जनों लोगों के घरों में घुस गया था। एक ओर से इस नाले ने कहर बरपाया, वहीं दूसरी ओर नगर पालिका के अधिकारियों की लापरवाही से मठ तालाब का पानी रेलवे के नाले से होते हुए लोगों के घरों में घुसा। पानी के फोर्स से रेलवे के नाले की दीवार भी एक स्थान पर टूट गई थी।
रोज सुखा रहा कॉपी-किताब
विवेकानंद वार्ड में रहने वाले दसवीं कक्षा का छात्र अब तक अपनी कॉपी किताबें घर की छत पर सुखा रहा है। बड़े मिशन स्कूल में पढऩे वाले दीपक डहेरिया ने बताया कि पानी भरने से उसके घर का पूरा सामान खराब हो गया था। उसका बैग भी पानी पानी हो गया था और कॉपी किताबें गीली हो गई थीं। दीपक का कहना था कि वह अपनी कॉपी किताबें घर की छत पर रोज सुखा रहा है ताकि उसे दोबारा किताबें न खरीदना पड़ें।
नाले का सीमांकन कराया जाना जरूरी है। नाले के ऊपर निर्माण कर लिए गए हैं, जिससे किसी समय 15 फिट चौड़ा रहा नाला अब कई जगह तीन फिट भी नहीं बचा है।
राजेश राजू यादव, पार्षद
अधिकारियों को अब गंभीरता से कदम उठाने की आवश्यकता है। सकरे हो गए नाले की कभी सुध नहीं ली गई, जिसका परिणाम पूरे वार्ड ने जलभराव के रूप में झेला।
पुरूषोत्तम नेमा, वार्डवासी
घर पर पानी भरने से गृहस्थी का पूरा सामान खराब हो गया था। भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। नगर पालिका को ऐसे कदम उठाना चाहिए,जिससे आगे कभी ऐसी स्थिति निर्मित न हो।
फूलकली डहेरिया, वार्डवासी
घर पर पानी भरने से फ्रिज, वाशिंग मशीन, मिक्सी सहित गृहस्थी का अन्य सामान खराब हो गया। अब भी वह दिन बार-बार याद आता है, जब पूरा दिन मुसीबत के बीच गुजरा था।
संजना साहू, वार्डवासी