Eid-E-Milad 2024: ईद-मिलाद-उन-नबी को क्यों कहते हैं ईदों की ईद, क्या है इसका पैगंबर मुहम्मद से संबंध

  • ईद-ए-मिलाद को ईदों की ईद से भी जाता है जाना
  • पैगंबर मुहम्मद से जुड़ा है संबंध
  • कौन हैं पैगंबर मुहम्मद?

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-16 11:05 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। ईद-ए-मिलाद (Eid-E-Milad 2024) का त्योहार 16 सितंबर को लोग मना रहे हैं। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार ये त्योहार हर साल रबी-उल-अव्वल के 12 वें दिन मनाया जाता है। मुस्लिमों के लिए ईद की तरह ही ये त्योहार भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। जिसके चलते इसको ईदों की ईद कहा जाता है।

क्या है ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का पैगंबर मुहम्मद से संबंध?

ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का त्योहार का संबंध इस्लामिक मार्गदर्शक और अल्लाह के दूत कहे जाने वाले पैगंबर मुहम्मद से जुड़ा है। इस्लामिक मान्याताओं के मुताबिक, रबी-उल-अव्वल जो कि इस्लामिक कैलेंडर का तीसरा महीना है। उसके 12वें दिन ही पैगंबर मुहम्मद का जन्म हुआ था। मुहम्मद के यौम-ए-पैदाइश मतलब जन्म को ही 'मिलाद' कहा जाता है जो कि एक अरबी शब्द से लिया गया है।

जिस वजह से ईद-ए-मिलाद-उल-नबी का त्योहार मुस्लिमों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। साथ ही इसे ईदों की ईद कहा जाता है। इस दिन को लेकर अलग लोगों में अलग मान्याताएं हैं। जिसमें कुछ का मानना है कि इस दिन पैगंबर के जन्म के साथ-साथ मौत का भी दिन है। इसलिए इसे बारह-वफात मतलब मौत का दिन भी कहा जाता है।

वहीं कुछ मुस्लिमों का मानना है कि इस दिन को पैगंबर मुहम्मद की यौम-ए-पैदाइश का दिन भी है। इसलिए इसे बहुत धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन लोग ज्यादा से ज्यादा समय अपने अल्लाह की इबादत में गुजारते हैं। साथ ही मस्जिदों की शानदार सजावट होती है, लोग दरगाह पर जाते हैं, कुरआन की तिलावत करते हैं और पैगंबर की दया, करुणा और शिक्षाओं को याद करते हैं।

कौन थे पैगंबर मुहम्मद?

इस्लाम को मानने वालों के मुताबिक, अल्लाह ने समय के अनुसार धरती पर अपने दूत भेजे हैं। जिनको नबी या पैगंबर कहा जाता है। बता दें कि हजरत मुहम्मद को अल्लाह का आखिरी दूत कहते हैं। इस्लाम के आखिरी पैगंबर हजरत मुहम्मद का जन्म सऊदी अरब के मक्का में साल 570 में इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से रबी-उल-अव्वल की 12 तारीख को हुआ था।

ऐसा माना जाता है कि, पैगंबर मुहम्मद ने इस्लाम के महत्व को समझाने के लिए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। दुश्मनों के जुल्म को झेला है और अल्लहा के संदेशों को लोगों तक पहुंचाया है। जिसके चलते ईद-ए-मिलाद-उल-नबी का दिन नबी मुहम्मद के जीवन और उनके संदेशों को समर्पित है। भारत के साथ-साथ ईद-ए-मिला-उल-नबी को श्रीलंका, यूनाइटेज किंगडम, पाकिस्तान, बांग्लादेश, रूस और जर्मनी जैसे कई अन्य देशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। साथ ही मुस्लिम देशों इस दिन नेशनल हॉलीडे भी होता है।

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