नवरात्रि स्पेशल: शुगर पेशेंट रख रहे हैं नवरात्रि का व्रत, तो इन बातों का रेखें खास ख्याल
- शुगर पेशेंट रख रहे हैं नवरात्रि का व्रत
- इन बातों का रेखें खास ख्याल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरु होने जा रही हैं। नवरात्रि में मां के भक्त अलग- अलग तरीकों से मां भगवती की पूजन-अर्चन करते हैं। कोई मां को मनाने के लिए जप,अनुष्ठान कराता है तो कोई पैदल यात्रा कर मां के दरबार पर पहुंचता है। इसी तरह माता रानी को प्रसन्न करने के लिए कई लोग नौ दिवसीय व्रत भी धारण करतें हैं। व्रत रखने के धार्मिक के अलावा शारीरिक लाभ भी होते हैं। व्रत से शरीर में मौजूद टॅाक्सिन बाहर निकलती है, साथ ही व्रत से शरीर की पूरी तरह से अंदरूनी सफाई भी हो जाती है। मां दुर्गा का उपवास कुछ ऐसे भी भक्त रखते हैं जो डायबिटीज के मरीज है,अगर वह व्रत रखते हैं तो उन्हें कुछ सावधानियां बरतनी होंगी। ताकि ब्लड शुगर का सामान्य बना रहें।
व्रत के दौरान डायबिटीज इन बातों का ध्यान रखें
1. उपवास के दौरान जब आप कुछ खाए तो उसमें दही , पनीर और छाछ लें ताकि शुगर की क्रविंग को समाप्त किया जा सके। और फिर दिन भर एर्नजी लेवल बना रहे।
2. खाने के ग्लाइसेमिक लोड को कम करने के लिए गुड फैट्स सम्मलित करें। जो कि विटामिन A,B,E, और K का पूरा अवशोषण करने के लिए शरीर में गुड फैट का होना जरूरी है।
3. भोजन में ग्लाइसेमिक इंडेक्स यानी जीआई जो कि एक मेजरमेंट सिस्टम है जो आपके खाने में शुगर से होने वाले प्रभाव मुताबिक उन्हें रैंक करती हैं। इसको मेंटेंन रखने के लिए आप सलाद और सब्जियों को खा सकते है।
4. उपवास के दौरान डायबिटीज मरीज लस्सी, मेवा और रायता को खाए । इससे आपको अच्छी मात्रा में प्रोटीन मिलता है।
5. जब आपकी त्वचा बहुत सारी नमी खो देती है। तो ऐसे में आपको शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए आपको 10-12 ग्लास दिन में पानी पीना चाहिए।
रखें ये सावधानियां
बड़ी मात्रा में तेल से बना खाना उपवास के दौरान न लें।
दिन में कम से कम तीन बार जरूर कुछ न कुछ खाए लंबे समय तक भूखे न रहें।
जो दवाई आप डायबिटीज मरीज के तौर लें रहें उसे जारी रखें।
व्रत के दौरान ज्यादा चाय पीने से बचें और अंतिम सलाह डॉक्टर की बात जरूर माने।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष, वास्तुशास्त्री, डॉक्टर, अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।