ईस्ट या वेस्ट, भारत का खाना इज बेस्ट: हेल्थ और पर्यावरण के लिए बेस्ट है भारत का खाना, अमेरिका-अर्जेंटीना का खाना है सबसे खराब, चीन और इंडोनेशिया भी पिछड़े

  • इंटरनेशनल रिपोर्ट में हुआ खुलासा
  • भारत का डाइट पैटर्न है बेस्ट
  • इन देशों के खाने के पैटर्न को मिली कम रैंकिंग

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-11 09:03 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक रिपोर्ट सामने आई है जिसके चलते ये पता चला है कि भारत का खाना सबसे बेस्ट है। लेटेस्ट लिविंग प्लैनेट की रिपोर्ट के मुताबिक, एक रिसर्च में ये बात पता चली है कि भारत का खाने पीने का पैटर्न जी 20 के सभी देशों से सबसे ज्यादा बेस्ट है। इससे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचता है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर 2050 तक और देश भारत के खाद्य उत्पादन और उपभोग को सपोर्ट करेंगे तो हो सकता है पृथ्वी के जलवायु को कम नुकसान पहुंचे। इसके अलावा, चीन और इंडोनेशिया जी20 अर्थव्यवस्था में दूसरे स्थान पर आते हैं। हालांकि, इनका डाइट पैटर्न भी पर्यावरण के अनुसार ही है।

किसको मिली सबसे खराब रैंकिंग?

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका, अर्जेंटीना और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के डाइट पैटर्न को सबसे खराब होता है। साथ ही इसको सबसे खराब रैंकिंग दी गई है। क्योंकि इन देशों में भारी मात्रा में फैटी और शुगरी फूड्स खाए जाते हैं। जिसके चलते लोग मोटे होते जा रहे हैं। इसके अलावा रिपोर्ट में चेतावनी देते हुए बताया गया है कि, इन देशों में करीब दो अरब लोग ओवरवेट हैं। साथ ही करीब 900 मिलियन लोग मोटापे से जूझ रहे हैं।

मिलेट्स की ओर बढ़ाई जागरुकता

रिपोर्ट में भारत में मिलेट्स की तरफ लोगों की जागरुकता बढ़ाने का भी जिक्र किया गया है। भारत में मिलेट्स का इस्तेमाल काफी लंबे समय से किया जा रहा है। मिलेट्स की तरफ जागरुकता बढ़ाने के लिए कई कैंपेन भी चलाए गए हैं। जिसमें लोगों को मिलेट्स से संबंधित फायदे बताए जा रहे हैं। मिलेट्स सेहत के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ जलवायु के लिए भी फायदेमंद हैं।

भारतीय भोजन में सब कुछ है शामिल

भारतीय भोजन में आपको नॉनवेज और वेज का मिक्सचर मिलेगा। यहां पर नॉर्थ की तरफ गेहूं की रोटी के साथ दाल खाई जाती है साथ ही नॉनवेज भी खाया जाता है। वहीं साउथ की बात करें तो यहां पर चावल और चावल से ही बनी चीजें भी खाई जाती हैं। इसके अलावा यहां पर मछली और मीट भी खाया जाता है। वहीं पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों में मछली और चावल को मुख्य भोजन माना गया है। यहां लोग मिलेट्स का भी सेवन करते हैं। जिसमें जौ, बाजरा, रागी, सोरघम, पर्ल मिलेट, बकव्हीट, चौलाई और दलिया जैसी चीजें शामिल होती हैं।

जलवायु में हो सकता है परिवर्तन

रिपोर्ट के मुताबिक, अगर 2050 तक दुनिया में लोग भारत का डाइट पैटर्न अपना लेते हैं तो इससे जलवायु में परिवर्तन हो सकता है। साथ ही जैव विविधता की कमी नहीं होगी, प्राकृतिक संसाधनों में कमी नहीं आएगी साथ ही भोजन भी अच्छा मिलेगा और उसकी सुरक्षा में कमी भी नहीं आएगी। रिपोर्ट में प्रोसेस्ड फूड को कम से कम और स्थानीय और मौसमी खाद्य पदार्थों को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने पर फोकस किया गया है। 

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