सेल्फ केयर: बारिश के मौसम में हाथ-पैर को रखना चाहते हैं मेनटेन? तो इस्तेमाल करें एप्सम सॉल्ट, फंगल इन्फेक्शन से भी रखेगा दूर

  • बारिश में गीले जूते-मोजे बन सकते हैं फंगल इन्फेक्शन की वजह
  • नियमित रुप से हाथों-पैरों की साफ-सफाई करना है जरुरी
  • एप्सम सॉल्ट से बढ़ाएं हाथों-पैरों की खूबसूरती

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-12 05:42 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सुंदर दिखने के लिए सिर्फ चेहरे को ही चमकाना बनाना जरुरी नहीं है, बल्कि हाथ-पैर की भी देखभाल करना बेहद जरूरी है। साफ-सुथरे हाथ-पैर, कटे हुए नाखून हाइजीन की पहचान तो होते हैं। साथ ही आपकी पर्सनालिटी को भी निखारते हैं। गर्मियों में धूप और पॉल्यूशन की वजह से हाथों-पैरों की स्किन टैन और बेजान हो जाती है, जबकि बरसात के मौसम में फंगल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।

फंगल इन्फेक्शन की वजह से आपके नाखून देखने में गंदे लगते हैं, और उनका कलर येलो या ब्लैक दिखने लगता है। ऐसे में आपके नाखून जल्दी टूटने भी लगते है। इसलिए, हफ्ते या दो हफ्ते में पेडीक्योर और मैनीक्योर करना जरूरी हो जाता है। ऐसे में एप्सम सॉल्ट का यूज आपके लिए काफी बेहतर होगा। एप्सम सॉल्ट न केवल स्किन को फंगल इन्फेक्शन और बैक्टीरिया से बचाता है, बल्कि पैरों की स्किन को सॉफ्ट और क्लीन भी रखता है। इसके अलावा, यह पैरों के दर्द और सूजन को भी कम करने में हेल्प करता है। इसलिए, एप्सम सॉल्ट को अपने पेडीक्योर और मैनीक्योर रूटीन में शामिल करें, और अपने हाथों-पैरों को खूबसूरत बनाएं।

जानें कैसे करें एप्सम सॉल्ट का इस्तेमाल?

टब या बॉल्टी में हल्का गर्म पानी भर लें और इसमें एक चम्मच एप्सम सॉल्ट डाल दें। इस पानी में पैरों को कम से कम 30 से 45 मिनट तक डुबोकर रखें। पेडीक्योर में अरोमाथेरेपी का टच लाने के लिए इसमें एसेंशियल ऑयल्स भी डाल सकते हैं। कुछ देर डुबोकर रखने के बाद पैरों को फुट स्क्रब से साफ करें और डेड स्किन को हटा लें। फिर पानी से निकालकर पैरों को अच्छे से सुखा लें। पैरों को पोछने के बाद उन पर मॉइश्चराइजर लगाकर मसाज करें। ऐसा करने से आपके पैरों को आराम मिलेगा, और आपके पैरों की डेड स्किन भी हट जाएगी। कोशिश करें कि हफ्ते में एक बार इसका जरुर इस्तेमाल करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (डॉक्टर/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

 

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