सुपरवुमन: दो भारतीय महिलाओं ने अपनी जान जोखिम में डालकर बचाई बुजुर्ग इजरायली महिला की जान, इजरायली दुतावास ने कहा 'सुपरवुमन'
- इजरायल-हमास युद्ध जारी
- दो भारतीय महिलाओं का दिखा 'दम'
डिजिटल डेस्क, येरुशलम। इजरायल-हमास में जंग जारी है। ये युद्ध दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। कथित इजरायल द्वारा गाजा पट्टी के हॉस्पिटल पर हमला किए जाने पर युद्ध और तेज हो गया है। दोनों ने मिसाइल से हमले करना तेज कर दिया है। 7 अक्टूबर की सुबह हमास ने इजरायल पर करीब 20 मिनट में ही 5 हजार से अधिक रॉकेट्स दाग दिए जिसके बाद से ही इजरायल गाजा पट्टी से हमास के लड़ाकों को अंत करने के लिए कसम खा रखा है और हमले पर हमले किए जा रहा है।
7 अक्टूबर को हुए हमले से जुड़ी एक खबर है। दो भारती महिलाओं ने जांबाजी का परिचय देते हुए एक इजरायली बुजुर्ग महिला की जान बचाई है। जिनका अब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इन महिलाओं की तारीफ भारत में स्थित इजरायली दूतावास ने भी किया है। एक्स पर महिलाओं का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि भारत की सुपरवुमन महिलाओं ने एक इजरायली महिला का जान बचाई जो काबिले तारीफ है।
हमास का आतंक, भारतीय महिला की जुबानी
इजरायली महिला की जान बचाने वाली महिलाओं के नाम सबिता और मीरा मोहनन है जो मूल रूप से केरल की रहने वाली हैं। 7 अक्टूबर की घटना को लेकर इन महिलाओं ने बताया है कि कैसे उस दिन अपनी जान के साथ एक बुजुर्ग महिला की जान बचाई थी।
हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमलों का जिक्र करते हुए सबिता ने बताया कि, जिस दिन आतंकियों के द्वारा हमला किया गया था उस वक्त एक महिला की देखभाल कर रही थीं। बुजुर्ग महिला एएलएस बीमारी से पीड़ित थी। घटना को याद करते हुए सबिता ने आगे बताया कि, करीब साढ़े 6 बजे सुबह सायरन की आवाज सुनाई दी थी। जिसको सुनकर सुरक्षा कवच में भाग गए थे। इस घटनाक्रम के बीच महिला की बेटी को फोन किया जिसके बाद उन्होंने बताया कि स्थिति नियंत्रण से बाहर है।
सबिता के मुताबिक, आतंकवादी सुबह साढ़े सात बजे के करीब उनके घर में घुस गए थे और घर के सभी सामानों को अस्थिर कर दिया था। घर में क्या हो रहा है उन्हें पता नहीं था क्योंकि सायरन बजने की वजह से वो सुरक्षा कवच में चले गए थे। उन्होंने आगे बताया कि, दोपहर 1 बजे तक और अधिक गोलीबारी होने लगी थी। जिस पर घर के मालिक ने कहा था कि इजरायली सेना बचाने के लिए आ रही है।
दरवाजे का हैंडल पकड़े रखा
सबिता पिछले तीन सालों से इजरायल में काम कर रही है। गोलीबारी को लेकर सबिता ने आगे बताया कि, हमने दंपत्ति की बेटी को वापस बुलाया और पूछा कि क्या करना है और उसने सुरक्षा कक्ष के दरवाजे के हैंडल को पकड़ने और जाने नहीं देने के लिए कहा। इस काम को दोनों भारतीय महिलाओं ने बखूबी निभाते हुए करीब साढ़े चार घंटे तक दरवाजे के हैंडल पकड़ कर रखा। आतंकियों के गोली चलाने और चिल्लाने से भी उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। जिसकी वजह से उनके साथ-साथ इजरायली महिला की भी जान बच गई।
युद्ध में हजारों की मौत
इजरायल -हमास महायुद्ध में अब तक चार हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है। अकेले हमास में तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इस युद्ध में सबसे ज्यादा लोग हमास और फिलिस्तीन के मारे गए हैं।