साउथ कोरिया में लगी इमरजेंसी: राष्ट्रपति बोले - विपक्ष नॉर्थ कोरिया के कहने पर सरकार अस्थिर करना चाह रहा, विपक्ष के कई नेता गिरफ्तार
- दक्षिण कोरिया में लगी इमरजेंसी
- विपक्ष विदेशी ताकतों के इशारे सरकार अस्थिर करना चाहता है
- देश में 1980 के बाद मार्शल लॉ लागू
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एशियाई देश दक्षिण कोरिया में मंगलवार (3 दिसंबर) को राष्ट्रपति यून सुक योल ने इमरजेंसी मार्शल लॉ लगाने का ऐलान किया। राष्ट्रपति ने विपक्ष पर संसद को नियंत्रित करने, उत्तर कोरिया के इशारे पर काम करने और सरकार गिराने वाली एक्टिविटीज में शामिल होने का आरोप लगाया। राष्ट्र प्रमुख ने राष्ट्र के नाम संबोधन में इसकी घोषणा की। उनके इस निर्णय के बाद दक्षिण कोरिया में जारी राजनीतिक दबाव और बढ़ गया है।
राष्ट्रपति यून सुक योल की पीपुल्स पावर पार्टी पिछले ढाई साल से सत्ता में हैं। वहीं विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी लगातार सरकार की नीतियों का विरोध कर रही है। बात दें कि साउथ कोरिया में साल 1980 के बाद यह पहली बार है, जब मार्शल लॉ घोषित किया गया है।
सरकार की ओर से इमरजेंसी ऐसे वक्त लगाई गई है, जब संसद में सरकार और विपक्षी दल के बीच South Korea President Yoon Suk-yol Emergency Martial Law People's Power Party Opposition Democratic Party Budget Bill South Korean Parliament को लेकर काफी बहस हुई। इस विधेयक को लेकर राजधानी में सड़क से लेकर संसद तक प्रदर्शन हुआ। संसद में इस फैसले के खिलाफ मतदान हुआ है।
संसद की सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं। उसकी बिल्डिंग के ऊपर सेना के हेलिकॉप्टर तैनात कर दिए गए हैं। इसके साथ ही सेना ने कई विपक्षी सांसदों को हिरासत में ले लिया है। मार्शल लॉ लागू करने के विरोध में संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों की पुलिस के साथ झड़प हुई।
मार्शल लॉ लागू होने के बाद क्या बदलेगा?
- नेशनल असेंबली, स्थानीय परिषदों और राजनीतिक दलों, राजनीतिक संघों, रैलियों और प्रदर्शनों समेत सभी तरह की पॉलीटिकल एक्टीविटीज बैन रहेंगी।
- फेक न्यूज, पब्लिक ओपिनियन और झूठे प्रचार पर रोक रहेगी।
- सभी मीडिया और प्रकाशन सरकार के अधीन होंगी।
- हड़ताल, काम रोकने पर एक्शन लिया जाएगा।
- प्रशिक्षु डॉक्टरों समेत सभी चिकित्सा कर्मी, जो हड़ताल पर हैं या चिकित्सा क्षेत्र छोड़ चुके हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर अपनी नौकरी पर लौटना होगा। साथ ही पूरी ईमानदारी से काम करना होगा। उल्लंघन करने वालों को इमरजेंसी के कानून के मुताबिक सजा दी जाएगी।