वैज्ञानिक महामारी-रोधी तरीके हैं चीन के आर्थिक सुधार में मददगार
पिछले तीन वर्षों में महामारी का विश्व अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है, उधर अमेरिका के वित्तीय उथल-पुथल ने विश्व की आर्थिक स्थिति में अधिक अनिश्चितता ला दी है। हालाँकि, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, एशिया-प्रशांत क्षेत्र अभी भी 2023 में सबसे अधिक आर्थिक रूप से गतिशील क्षेत्र बन जाएगा, और इसकी मुख्य प्रेरक शक्ति चीनी अर्थव्यवस्था की बहाली तथा मजबूत लचीलापन से आती है। अतीत में मुख्य रूप से निवेश की मांग के प्रभाव के विपरीत, खपत और सेवा उद्योगों के मामले में चीनी अर्थव्यवस्था की मांग वृद्धि इस वर्ष अधिक स्पष्ट रही है। विकसित अर्थव्यवस्थाओं की सुस्त वृद्धि के अनुरूप, चीनी अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन ने अंतरराष्ट्रीय बाजार के विश्वास को बढ़ाया है।
पिछले तीन वर्षों में चीन ने लोगों के जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एक वैज्ञानिक महामारी-रोधी पद्धति अपनाई, और लोगों के जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए अपनी पूरी कोशिश की। जिससे औद्योगिक श्रृंखला और आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता की भी रक्षा हुई है। इस वर्ष खुलेपन के लागू होने से, चीन की आर्थिक वृद्धि में काफी सुधार हुआ है, और बाजारों में खपत फलफूल रही है, जिसने पर्यटन, दैनिक आवश्यकताओं और ऑटोमोबाइल के विकास को बढ़ावा दिया है। चीन में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए महामारी के विकास की बारीकी से निगरानी और प्रसार के प्रति सतर्क रहना भी जारी है। जबकि विश्व अर्थव्यवस्था की बहाली अभी भी कई अनिश्चितताओं का सामना कर रही है, चीनी अर्थव्यवस्था ने वैश्विक विकास में जीवन शक्ति डाली है, और चीन के नए विकास पैटर्न ने दुनिया के लिए नए अवसर प्रदान किए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक हलकों का कहना है कि चीन की आर्थिक सुधार में मदद करने वाला मुख्य कारक न केवल यह है कि चीन के पास दुनिया में सबसे पूर्ण औद्योगिक उत्पादन संरचना है, बल्कि यह भी है कि चीन ने वैज्ञानिक महामारी-रोधी तरीका अपनाया है, जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मददकार है। महामारी ने चीन की औद्योगिक श्रृंखला और आपूर्ति श्रृंखला को नष्ट नहीं किया, इससे उपभोक्ता बाजार में तेजी से सुधार का आधार प्रदान किया गया है। वैश्विक उपभोक्ता अनुसंधान और खुदरा निगरानी कंपनी ठ्रीील्ल कद की एक रिपोर्ट के अनुसार, महामारी-रोधी कार्यों की सफलता से चीन के उपभोक्ता बाजार में तेजी से सुधार हुआ है और उपभोक्ता का विश्वास बढ़ा है।
चीनी अर्थव्यवस्था के सुपर लचीलेपन ने विश्व अर्थव्यवस्था के लिए आत्मविश्वास और अवसर लाए हैं। हाल ही में, अमेरिकी टेस्ला कंपनी ने घोषणा की कि वह चीन में और अधिक निवेश करेगी। फ्रांसीसी एयरबस ने घोषणा की कि वह चीनी शहर थिएनचिन में अपना दूसरा उत्पादन लाइन रखेगा। उधर जर्मन वोक्सवैगन ने चीन में शुद्ध इलेक्ट्रिक इंटेलिजेंट नेटवर्क वाले वाहन अनुसंधान और विकास केंद्र के निर्माण के लिए 1 बिलियन यूरो खर्च करने की घोषणा की। अमेरिका के जेपी मॉर्गन एसेट का अनुमान है कि 2030 तक चीन की प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय वर्तमान के 10,000 अमेरिकी डॉलर के स्तर से बढ़कर 20,000 अमेरिकी डॉलर तक जा पहुंचेगा।
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