पाकिस्तान - तालिबान सरकार आमने-सामने, तोरखम बॉर्डर के लिए एक-दूसरे के बने खून के प्यासे
- तोरखम बॉर्डर पर पाक और आफगान आमने-सामने
- सीमा को लेकर पहले भी हो चुकी है जंग
डिजिटल डेस्क, काबुल। तोरखम बॉर्डर को लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों आमने सामने हैं। आलम यह है कि दोनों देशों में तनाव इस कदर बढ़ चला है कि इस सीमा पर किसी भी तरह के यातायात को जाने की मंजूरी नहीं है यानी पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
न्यूज एजेंसी 'द खुरासान डायरी' ने पाकिस्तान के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से बताया कि, बॉर्डर पर पाक सेना पहुंच गई है स्थिति को संभालने की कोशिश कर रही है ताकि किसी तरह की कोई अनहोनी न घटे। साथ ही अधिकारी ने बताया कि, पाकिस्तानी सरकार और सेना की ओर से शांति बनाए रखने की पूरी कोशिश की जा रही है।
तोरखम बॉर्डर पर खींचतना
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान तोरखम बॉर्डर को लेकर आमने-सामने हैं। इसी साल के फरवरी महीने में तनातनी होने की वजह से दोनों देशों की ओर से बॉर्डर सील कर दिया गया था। जानकारी के मुताबिक, ये विवाद पाक और अफगान में बिगड़ते संबंधों की वजह से हुआ था। पूर्वी अफगान प्रांत नंगाहार में तालिबान प्रशासन के पुलिस बल के एक प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया था कि बॉर्डर सील है और इसको लेकर हम बाद में चर्चा करने वाले हैं।
तालिबान पर पाकिस्तान का हमला
पाकिस्तान और अफगानिस्तान में इन दिनों रिश्ते बिगड़ते हुए साफतौर पर देखे जा सकते हैं। पाक और अफगान में संबंध तभी से खराब हुए हैं जब से अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आई है। पाकिस्तान, तालिबान की सरकार पर हमेशा से आरोप लगाता रहा है कि अफगान से आतंकवादी पाकिस्तान में आते हैं और अवाम को नुकसान पहुंचाते हैं। पिछले साल अप्रैल के महीने में पाकिस्तान ने अफगान के खोस्त और कुनार शहर में एयरस्ट्राइक की थी। जिनमें करीब 40 तालिबानियों की मौत हो गई थी। लेकिन तालिबान पर हमले की बात को पाकिस्तान ने सिरे से नकार दिया था।
पाकिस्तान का तालिबान पर आरोप
पाकिस्तान, अफगानिस्तान के तालिबान की सरकार पर हमेशा से आरोप लगाता रहा है कि, मुल्क में अशांति फैलाने के लिए वो अपने आतंकियों को जबरन घुसपैठ कराता है। जबकि पाक के इस आरोप पर तालिबान का कहना है कि, ये सच नहीं है क्योंकि जब से तालिबान की सरकार अफगानिस्तान में आई है तब से आतंक पर लगाम लगाने की कार्रवाई चल रही है, जिसमें बहुत हद तक सफलता मिली है।
पाकिस्तान पर बरसा तालिबान
पाकिस्तान द्वारा तालिबान पर किए गए हमले पर अफगान की सरकार ने पाक राजदूत को तलब किया था और सख्त हिदायत देते हुए कहा था कि, अगली बार से इस प्रकार की कोई हिमाकत हुई तो पाक के लिए अच्छा नहीं होगा। तालिबान के इस धमकी पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री खान मुत्ताकी का बड़ा बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि, सेना को कार्रवाई करने से रोक दिया गया है क्योंकि इस काम से दोनों देशों के संबंध बिगड़ जाएंगे।