चीनी राजदूत के इस बयान से भारत के रिश्तों में आएगी नजदीकी? आइए जानते हैं
भारत-चीन संबंध चीनी राजदूत के इस बयान से भारत के रिश्तों में आएगी नजदीकी? आइए जानते हैं
- भू-राजनीतिक मुद्दों को आपस में मिलकर समाधान कर सकते हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत व चीन के बीच आपसी रिश्तों को लेकर सभी को पता है। लेकिन बांग्लादेश में हुए चीनी राजदूत ली जिमिंग के हृदय परिवर्तन से कयास यही लगाए जा रहे हैं कि भविष्य में भारत के साथ चीन के संबंधों में नरमी देखने मिल सकती है। चीनी राजदूत ली जिमिंग ने कहा है कि वह व्यक्तिगत तौर पर भारत के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। उन्हें लगता है कि भारत व चीन आर्थिक व भू-राजनीतिक मुद्दों को आपस में मिलकर समाधान कर सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की मजबूत पकड़ होने की वजह से अब चीन बैकफुट पर आने लगा है।
चीनी राजदूत ने कही ये बात
ढाका में चीनी राजदूत ने कहा कि चीन की भारत के साथ कोई रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता नहीं है। वह बंगाल की खाड़ी को हथियारों से लैस नहीं देखना नहीं चाहता है। गौरतलब है कि चीनी राजदूत की यह टिप्पणी तब आई जब विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने भारत में चीनी राजदूत सुन वेइदॉन्ग के साथ भारत-चीन संबंधों पर सख्त लहजे में टिप्पणी की है।
अपनी विदाई भाषण के दौरान सन वेइदॉन्ग ने कहा कि भारत व चीन के बीच मतभेद होना स्वाभाविक है। दोनों देशों को अपने संबंधों को असहमति से परिभाषित नहीं होने देना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि चीन व भारत को एक साथ विकसित होने के लिए दुनिया में पर्याप्त जगह है।
दोनों पक्षों को मतभेदों को खत्म करने और इसका समाधान ढूंढने का प्रयास करना चाहिए। आगे उन्होंन कहा कि भारत व चीन को आपसी बातचीत व परामर्श के जरिए एक उचित समाधान की तलाश करनी चाहिए। उधर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत व चीन संबंधों का सामान्य होना दोनों देशों के हित में है। इस बीच बांग्लादेश में चीनी दूत ली जिमिंग ने कहा कि हम भारत के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। हम राजनीतिक मुद्दों को हल करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।