India-Sri Lanka relation: चीन की चाल में फंसने के बाद श्रीलंका को हुआ गलती का अहसास, कहा- 'इंडिया फर्स्ट' की रणनीति पर चलेंगे
India-Sri Lanka relation: चीन की चाल में फंसने के बाद श्रीलंका को हुआ गलती का अहसास, कहा- 'इंडिया फर्स्ट' की रणनीति पर चलेंगे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारी नुकसान उठाने के बाद अब श्रीलंका को यह बात समझ में आ गई है कि चीन के साथ की गई पोर्ट डील उसकी बड़ी गलती थी। ऐसे में अब वह इंडिया फर्स्ट की नीति पर चलने की बात कहता नजर आ रहा है। दरअसल, निवेश के नाम पर चीन के कर्ज जाल में फंसने के बाद श्रीलंका को हम्बनटोटा पोर्ट को 99 साल के लिए ड्रैगन को लीज पर देना पड़ा। अब वह नहीं चाहता है कि आगे भी उसे इस तरह का नुकसान उठाना पड़े, इसलिए अब वह भारत के साथ अपनी दोस्ती को और ज्यादा मजबूत करना चाहता है।
क्या कहा श्रीलंका के विदेश सचिव ने?
श्रीलंका के विदेश सचिव जयानाथ कोलोमबाजे ने एक श्रीलंकाई न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा, "रणनीतिक सुरक्षा मामले में हम इंडिया फर्स्ट नीति पर चलेंगे। हम भारत के लिए रणनीतिक खतरा नहीं बन सकते हैं। हमें भारत से लाभान्वित होने की आवश्यकता है। उन्होंने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के बयान का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने साफ कहा है कि जहां तक सुरक्षा की बात है आप (भारत) हमारी पहली प्राथमिकता हैं, लेकिन मुझे आर्थिक समृद्धि के लिए दूसरों के साथ भी डील करना है।" उन्होंने कहा कि तटस्थ विदेश नीति को आगे बढ़ाने के साथ ही भारत के रणनीतिक हितों की रक्षा श्रीलंका करेगा। विदेश सचिव ने इस दौरान ये भी स्वीकार किया कि हंबनटोटा बंदरगाह को चीन को 99 साल लीज पर देने का निर्णय एक "गलती" थी।