भारत के सामने रूस यूक्रेन तनाव में कामयाब नहीं हुई चीन की चाल, सोचने पर मजबूर हुआ चीन
फैसले, समर्थन और बगावत के शिकंजे में ड्रैगन भारत के सामने रूस यूक्रेन तनाव में कामयाब नहीं हुई चीन की चाल, सोचने पर मजबूर हुआ चीन
- रूस -यूक्रेन तनाव के बीच चीन परेशान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमले का जैसे ही ऐलान किया, उसी समय से पूरी दुनिया में चीन की आलोचना होने लगी है। अब ये आलोचना चीन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनती जा रही है। हालांकि युद्ध शुरू होने से पहले ही अमेरिका ने रूस और चीन की आलोचना करते हुए, दोनों देशों पर गंभीर रूप से अनुमोदित विश्व व्यवस्था बनाने की गठजोड़ का आरोप लगाया।
पुतिन के तर्क में छिपी चीन की चुनौतियां
यूक्रेन और रूस के बीच जारी संकट चीन के सामने कई मोर्चों पर चुनौती पेश कर रहा है। व्लादिमीर पुतिन ने कहा वे उन लोगों को आजाद कर रहे है जो यूक्रेन के अंदर रूस की बात कर रहे हैं, जिनमें चीन के लोग अधिक शामिल हैं।
यूक्रेन पर युद्ध के ऐलान में पुतिन ने विंटर ओलंपिक ख़त्म होने का इंतज़ार किया। इसके पीछे चीन की चाल थी, और इसके लिए उसने रूस को अपनी ओर रिझाया। विंटर ओलंपिक में दोनों नेताओं के बीच अब तक के सबसे अच्छे राजनायिक रिश्ते देखे गए। हालांकि चीन ने अपने सार्वजनिक बयानों में सभी पक्षों से यूक्रेन में तनाव कम करने की अपील की है, इसे लोग अब खोखला समझ रहे हैं।
अमेरिका के पूर्व ख़ुफ़िया अधिकारी जॉन कल्वर ने ट्विटर पर लिखा, "यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर रूस का कब्ज़ा, या राजधानी कीव पर हमला चीन के उस रुख़ के ख़िलाफ़ है जिसमें वो कहता है कि किसी देश की संप्रभुता सबसे बढ़कर है।"
अमेरिका विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने यह भी कहा कि चीन के लिए यूक्रेन संकट एक मौक़ा था जिसका इस्तेमाल उसने व्लादिमीर पुतिन को अपनी ओर खींचने के लिए किया। प्रवक्ता ने विंटर ओलंपिक में चीन और रूस के बीच हुई नो लिमिट्स संधि का जिक्र भी किया।प्रवक्ता ने पत्रकारों की पीसी में कहा, "आपको चीन से पूछना चाहिए कि क्या उन्होंने रूस पर अपने अच्छे प्रभाव संबंध का भरपूर इस्तेमाल किया। हालांकि अमेरिका और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बातचीत में दोनों देशों ने यूक्रेन में बने बदतर हालात पर सभी पक्षों से संयम धैर्य बरतने को कहा है।