दो वक्त की रोटी के लिए इस कीमत पर बेटियों को बेचने पर मजबूर अफगानी नागरिक, जिनकी बेटियां नहीं वो किडनी बेचने पर मजबूर, नींद की दवा से मिट रही बच्चों की भूख

अफगानिस्तान दो वक्त की रोटी के लिए इस कीमत पर बेटियों को बेचने पर मजबूर अफगानी नागरिक, जिनकी बेटियां नहीं वो किडनी बेचने पर मजबूर, नींद की दवा से मिट रही बच्चों की भूख

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-28 11:31 GMT
हाईलाइट
  • तालिबान ने अमेरिका को बताया दोषी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जब से अफगानिस्तान पर तालिबान का फिर से कब्जा हुआ है तब से देश के हालत बद से बदतर होते जा रहे हैं। यहां के हालत इतने बुरे हैं कि लोगों के भूखे मरने की नौबत आ गई है। देश में भुखमरी का आलम यह है कि यहां के लोग भूख से रोते-बिखलते अपने बच्चों को सुलाने के लिए नींद की दवा खिला रहे हैं। इसके अलावा कई लोग परिवार को दो वक्त का खाना जुटाने के लिए अपने घर की बेटियों और अपनी किडनी को भी बेचने को मजबूर हो गए हैं। 

 इस शहर में सबसे बुरे हालात

देश के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात के हालात सबसे बुरे हैं। यहां कच्चे घरों में रह रहे हजारों लोग बड़ी मुश्किलों में जीवन यापन कर रहे हैं। इन लोगों की मौजूदा परिस्थितियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके परिवार को महीने के अधिकांश दिन एक वक्त का खाना भी नसीब नहीं हो पाता। एएफपी न्यूज एजेंसी से बात करते हुए हेरात में रहने वाले एक शख्स ने बताया कि हमारे बच्चे भूख के कारण रोते बिलखते रहते हैं। हमें उन्हें रात में सुलाने के लिए मेडिकल से नींद की दवा लानी पड़ती है। उसने बताया कि यहां रहने वाले अधिकतर लोग अपने भूखे बच्चों को सुलाने के लिए यही कर रहे हैं। वहीं एक अन्य शख्स ने बताया कि डॉक्टरों के मुताबिक डिप्रेशन के इलाज में मरीज को सुलाने के लिए इन दवाओं का उपयोग किया जाता है, इसका रोज इस्तेमाल करना शरीर के लिए हानिकारक है। इसके बावजूद भी हम लोग भूख से तड़प रहे अपने बच्चों को यह दवा देने को मजबूर हैं।  

शादी के नाम पर बेची जा रहीं मासूम 

एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, देश में भुखमरी से बचने के लिए लोग अपने घर की छोटी बच्चियों को बेच रहे हैं। इन मासूम बच्चियों को शादी के नाम पर दो से ढाई लाख रुपयों में बेचा जा रहा है। निजामुद्दीन नाम के एक व्यक्ति ने एजेंसी को बताया कि उसने अपनी 5 साल की बेटी को 90 हजार रुपयों में बेच दिया। एक अन्य शख्स ने बताया कि उसने अपनी 6 साल और डेढ़ साल की बेटियों को ढाई और दो लाख रुपयों में बेच दिया।

इसके अलावा परिवार की भूख मिटाने के लिए घर के मुखिया खुद की किडनी भी बेच रहे हैं। एजेंसी के अनुसार पश्चिमी अफगानिस्तान में रहने वाले अम्मार ने अपने परिवार को भूखमरी से बचाने के लिए 2 महीने पहले लगभग 3 हजार डॉलर यानी करीब सवा दो लाख रुपयों में अपनी किडनी बेंच दी।  उसने यह कदम बिना अपने परिवार को बताए उठाया।

तालिबान ने अमेरिका को बताया दोषी

वहीं देश में चल रहे इन हालातों के लिए तालिबान ने अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया। गरीबों के लिए बने राहत कैंपों में लोगों को खाने की चीजें मुहैया करा रहे अब्दुल रहीम नाम के एक शख्स ने तालिबान सरकार से देश के मौजूदा हालातों से निपटने के लिए गुहार लगाई। जिस पर सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि देश में पैदा हुई इन परिस्थितियों के लिए तालिबान प्रशासन नहीं बल्कि खराब अर्थव्यवस्था जिम्मेदार है। अधिकारी ने देश की वर्तमान अर्थव्यवस्था के लिए अमेरिका को दोषी बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने अफगान सरकार की विदेशी मुद्रा तालिबान को देने पर बैन लगा रखा है, जिस कारण देश में ऐसे हालात पैदा हुए हैं। 

  

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