तालिबान लड़ाकों को उन महिला जजों की तलाश, जिन्होंने उन्हें जेल में डाला था
Afghanistan तालिबान लड़ाकों को उन महिला जजों की तलाश, जिन्होंने उन्हें जेल में डाला था
- काबुल से भागने के बाद यूरोप पहुंची एक अफगान महिला जज
- जेल से रिहा होने के बाद तालिबान लड़ाकों को महिला जजों की तलाश
- महिला जज ने बताया कि कैसे उनकी तलाश में तालिबान लड़ाके उनके घर पहुंचे थे
डिजिटल डेस्क, काबुल। जेल से रिहा होने के बाद अफगानिस्तान में तालिबान लड़ाके उन महिला जजों की तलाश कर रहे हैं जिन्होंने उन्हें सजा सुनाई थी। काबुल से भागने के बाद यूरोप पहुंची एक अफगान महिला जज ने बताया कि कैसे उनकी तलाश में तालिबान लड़ाके उनके घर पर पहुंचे थे और उनके बारे में पूछताछ कर रहे हैं।
महिला जज ने एक अज्ञात स्थान से एक साक्षात्कार में रॉयटर्स को बताया, "चार या पांच तालिबान सदस्य आए और मेरे घर के लोगों से पूछा: महिला जज कहां है? ये वे लोग थे जिन्हें मैंने जेल में डाल दिया था।" महिला जजों को देश से बाहर निकालने में मदद करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों और कार्यकर्ताओं ने कहा, "अफगानिस्तान में करीब 250 महिला जज हैं। हाल के हफ्तों में कुछ भागने में सक्षम रहीं, लेकिन ज्यादातर जज देश नहीं छोड़ पाई और वो अभी भी बाहर निकलने की कोशिश कर रही हैं।"
15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के तुरंत बाद एक संवाददाता सम्मेलन में, तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा था कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा इस्लामी कानून के अनुसार की जाएगी। प्रवक्ता ने कहा था कि उन्हें समाज के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काम करने की भी अनुमति दी जाएगी। न्याय के क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएं पहले भी हाई प्रोफाइल टारगेट रही हैं। जनवरी में अज्ञात बंदूकधारियों ने सुप्रीम कोर्ट की दो महिला जजों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। तालिबान के एक प्रवक्ता ने उस समय कहा था कि उनका ग्रुप इसमें शामिल नहीं था।
अफगान जज ने कहा, "अब, तालिबान ने देश भर में कैदियों को रिहा कर दिया है, इससे महिला जजों का जीवन खतरे में आ गया है।" उन्होंने बताया कि वह लगातर अपने सहयोगियों के संपर्क में है। महिला जज कहती हैं "उनके संदेश डराने वाले हैं। वे मुझे बताते हैं कि अगर उन्हें बचाया नहीं गया तो उनकी जान सीधे खतरे में है।" वह इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ वूमेन जज (IAWJ) में ह्यूमन राइट्स वॉलंटियर्स और विदेशी सहयोगियों के एक ग्रुप की मदद से भाग निकली।
एक अफगान मानवाधिकार कार्यकर्ता होरिया मोसादिक ने कहा कि न्यायाधीशों के अलावा, लगभग एक हजार अन्य वूमेन ह्यूमन राइट डिफेंडर्स हैं जिन्हें तालिबान से खतरा है। उन्होंने कहा, "जेल से छूटे कैदी महिला जजों, महिला अभियोजकों और महिला पुलिस अधिकारियों को फोन लगाकर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। वो कहते हैं हम आपके पीछे हैं।"
ब्रिटिश जिस्टिस मिनिस्टर रॉबर्ट बकलैंड ने कहा कि पिछले हफ्ते लंदन ने नौ महिला जजों को निकाला था और अन्य लोगों को भी निकालने के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं।