सिडनी में भीषण सूखा, लागू होंगे जल प्रतिबंध, 26 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान

सिडनी में भीषण सूखा, लागू होंगे जल प्रतिबंध, 26 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-28 14:01 GMT
सिडनी में भीषण सूखा, लागू होंगे जल प्रतिबंध, 26 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान

डिजिटल डेस्क, सिडनी। सिडनी ने मंगलवार को एक दशक में अपने पहले प्रमुख जल प्रतिबंधों की घोषणा की। रिकॉर्ड तोड़ सूखे की वजह से यहां पर लेवल-1 का प्रतिबंध लगाया गया है। सिडनी के लगभग 75 प्रतिशत पानी का उपयोग घरों में किया जाता है। इसी वजह से भीषण सूखे से निपटने के लिए ऑस्ट्रेलियन सरकार हर व्यक्ति से योगदान चाहती है।

न्यू साउथ वेल्स (NSW) सरकार ने कहा कि 1940 के बाद सिडनी क्षेत्र के जलश्रोत न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए हैं। नदियों का जलस्तर खतरनाक ढंग से नीचे आ रहा है। सिडनी में हालात बदतर हैं। इन सभी हालातों को देखते हुए सरकार ने जल प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। यह प्रतिबंध अगले सप्ताह 1 जून से लागू किए जाएंगे।

अगर कोई व्यक्ति पानी की बर्बादी करता है तो AUD 220 (लगभग 10 हजार रुपए) और संस्थानों पर नल खुला छोड़ने या बगीचे में पानी देने के लिए स्प्रिंकलर सिस्टम का उपयोग करने पर AUD 550 (लगभग 26 हजार रुपए) तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

इवेपोरेशन के नुकसान को सीमित करने के लिए लॉन और गार्डन में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच पानी देने पर प्रतिबंध रहेगा। हालांकि जो पेशेवर माली है और अक्सर दिन में ही काम करते हैं उन्हें इसमें छूट मिलेगी। इसकी परमिशन के लिए उन्हें आवेदन देना होगा। लेवल-1 के प्रतिबंधों में बोर के पानी के उपयोग पर भी छूट है जहां कोई व्यावहारिक विकल्प नहीं है।

बता दें कि मरे-डार्लिंग वॉटर सिस्टम में बड़े पैमाने पर मछलियों के मरने के बाद हाल के चुनाव में वॉटर मैनेजमेंट एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभरा था। मरे-डार्लिंग वॉटर सिस्टम में मछलियों के मरने का कारण अधिकारियों ने कम जल प्रवाह और ऑक्सीजन के स्तर में कमी को बताया था। वैज्ञानिकों ने कहा था कि पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में भयंकर सूखे की वजह से ये मौतें हुईं।

ऑस्ट्रेलिया में एक्सट्रीम वेदर पैटर्न कोई नई बात नहीं है। गर्मी के महीनों के दौरान अक्सर बाढ़, बुशफायर और सूखा देखा गया है। आखिरी बार 2009 में सिडनी में पानी पर प्रतिबंध लगा था, जब गंभीर सूखा पड़ा था। सिडनी के कुछ इलाकों में यह दशकों बाद आज भी लागू है।
 

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