हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच मृत पाए गए सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद

श्रीलंका हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच मृत पाए गए सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-09 15:30 GMT
हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच मृत पाए गए सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद
हाईलाइट
  • हथियारों से लैस गुंडों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला किया

डिजिटल डेस्क, कोलंबो। श्रीलंका में सरकार के समर्थक और विरोधियों के बीच जारी हिंसक झड़प के बाद स्थिति और खराब होती जा रही है। सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच, सोमवार को सत्तारूढ़ पार्टी का एक सांसद गोली लगने के कारण मृत पाया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि सांसद के वाहन को प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया था, जिसके बाद वह घटनास्थल से भाग खड़े हुए। ऐसे भी आरोप लगाए गए हैं कि सांसद अमरकीर्ति अतुकोरला ने उनकी गाड़ी का रास्ता रोक रहे लोगों पर गोलियां भी चलाईं। हालांकि बाद में वो खुद पास ही में एक इमारत में मृत पाए गए।

अपुष्ट रिपोटरें में दावा किया गया है कि सांसद अमरकीर्ति कोलंबो से लगभग 40 किलोमीटर दूर निताम्बुवा शहर में एक इमारत में मृत पाए गए। दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि उन्होंने खुद ही अपनी जान ले ली।

एक सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें सांसद पिस्तौल लिए अपने अंगरक्षक के साथ फुटपाथ पर दौड़ रहे थे। सांसद द्वारा कथित रूप से गोली मारने के कारण घायल दो प्रदर्शनकारियों में से एक की हालत गंभीर है।

सोमवार दोपहर को देश भर में हिंसा भड़क उठी, क्योंकि इस्तीफा देने वाले प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे का समर्थन करने वाले असामाजिक तत्वों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमला किया, जिन्होंने दो स्थानों पर कब्जा कर रखा था। वे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के प्रवेश द्वार और कोलंबो में महिंदा के आवास पर प्रदर्शन कर रहे थे।

हथियारों से लैस गुंडों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला किया, जो अब हफ्तों से वहां विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने उनके टेंटों को आग लगा दी।

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, एक द्वीप-व्यापी कर्फ्यू लगा दिया गया था, लेकिन कर्फ्यू को धता बताते हुए लोग सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कथित तौर पर सत्तारूढ़ सांसदों और स्थानीय नेताओं के कई घर जला दिए गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को बुलाया गया है।

देश में फैली हिंसा के साथ, महिंदा राजपक्षे ने अपना इस्तीफा अपने छोटे भाई गोटाबाया को सौंप दिया है।

एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट से गुजर रहा द्वीप राष्ट्र मुख्य रूप से भोजन, ईंधन, दवा, रसोई गैस की कमी और कई घंटों तक बिजली कटौती के कारण महीनों लंबे विरोध प्रदर्शन झेल रहा है।

पिछले शुक्रवार से कोलंबो और उसके उपनगरों के निवासी रसोई गैस और ईंधन की अनुपलब्धता के विरोध में सड़कों पर जाम लगा रहे हैं।

सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और पूरे मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन गोटबाया राजपक्षे ने अपनी सरकार को हटाने और एक सर्वदलीय मंत्रिमंडल के साथ देश चलाने का विकल्प चुना है।

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