इमरान ने कबूला- PAK ने दी जिहादियों को ट्रेनिंग, अमेरिका ने की थी फंडिंग
इमरान ने कबूला- PAK ने दी जिहादियों को ट्रेनिंग, अमेरिका ने की थी फंडिंग
- आतंकवाद पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का बड़ा कबूलनामा
- इमरान ने कहा- 1980 में सोवियत संघ के खिलाफ लड़ने के लिए पाक ने जिहादियों को तैयार किया
- जिहादियों की ट्रेनिंग के लिए अमेरिका ने की थी फंडिंग
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुद कबूल किया है कि, कई आतंकी संगठन उनकी जमीन पर पैदा हुए हैं और उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया। इमरान ने इन आतंकी संगठनों के लिए अमेरिका को भी जिम्मेदार ठहराया है। इमरान खान का कहना है कि, 80 के दशक में पाकिस्तान ने ही जिहादियों को ट्रेनिंग दी थी और इसके लिए अमेरिका ने फंडिंग की थी, लेकिन अंत में अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपनी नाकामी का दोष पाकिस्तान के सिर पर मढ़ दिया, यह सही नहीं है।
Pak PM:The same groups who are all in Pakistan are supposed to say that now because Americans are there it is no longer jihad its terrorism. It was a big contradictionI strongly felt that Pakistan should have been neutral because by joining in,these groups turned against us(2/3) https://t.co/gVjDtcxB1T
— ANI (@ANI) September 13, 2019
प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा, उनके देश को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का साथ देने की भारी कीमत चुकानी पड़ी है। इमरान ने कहा, 80 के दशक में शीत युद्ध के दौरान अफगानिस्तान में सोवियत संघ से लड़ने के लिए पाकिस्तान ने ही जिहादियों को ट्रेनिंग दी थी, इसके लिए फंडिग अमेरिका की CIA के द्वारा की गई थी, लेकिन एक दशक बाद अमेरिका ने इन्हीं जिहादियों को आतंकी घोषित कर दिया।
Pakistani PM Imran Khan: We lost 70,000 people, we lost over a 100 billion dollars to the economy. In the end, we were blamed for the Americans not succeeding in Afghanistan. I felt it was very unfair on Pakistan. (3/3)
— ANI (@ANI) September 13, 2019
आतंक का ठीकरा अमेरिका पर फोड़ते हुए पाक पीएम ने कहा, एक दशक बाद जब अमेरिकी खुद अफगानिस्तान में आ गए तो यह जिहाद नहीं आतंकवाद हो गया। उन्होंने कहा, पाकिस्तान को न्यूट्रल रहना चाहिए था क्योंकि इन संगठनों में शामिल होना नुकसानदेह साबित हुआ है। हमने 70 हजार लोग खो दिए, अर्थव्यवस्था को 100 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है और अफगानिस्तान में असफलता के लिए अमेरिका की जगह हम जिम्मेदार ठहराए जाते हैं, यह सही नहीं है।