पाकिस्तान: खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में उन्मादी भीड़ ने ऐतिहासिक मंदिर को ढहाया, आग भी लगाई
पाकिस्तान: खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में उन्मादी भीड़ ने ऐतिहासिक मंदिर को ढहाया, आग भी लगाई
- ऐतिहासिक मंदिर को धराशायी करने पर आमादा हुए लोग
- मंदिर पर मौलवी ने की थी कब्जे की कोशिश
- लोगों ने कहा- ये है नया पाकिस्तान
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान में गुरुवार को धार्मिक असहिष्णुता का एक और मामला सामने आया है। यहां खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कोहाट के करक जिले में बुधवार को स्थानीय मौलवियों की अगुआई में उन्मादी भीड़ ने एक हिंदू मंदिर को तोड़ दिया। इतना ही नहीं, कट्टरपंथियों की भीड़ ने मंदिर को आग के हवाले भी कर दिया। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिसमें कई लोग मंदिर की दीवारों और छत को तोड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं।
वॉयर ऑफ पाकिस्तान माइनॉरिटी नाम के एक ट्विटर हैंडल से भी एक वीडियो ट्वीट किया गया है, जिसमें मंदिर को तोड़ते हुए लोगों को साफ देखा जा सकता है।पाकिस्तान के एक पत्रकार के मुताबिक हिंदुओं ने मंदिर का विस्तार करने के लिए प्रशासन से अनुमति ली थी, लेकिन स्थानीय मौलवियों ने मंदिर को नष्ट करने के लिए एक भीड़ की व्यवस्था की। यह भी कहा जा रहा है कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मूक दर्शक बने रहे क्योंकि मंदिर जमीन के नीचे धंसा हुआ था। पाकिस्तान और दुनिया के बाकी हिस्सों में रहने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ इस कदम की निंदा की है।
घटना पर कुछ इस तरह दी लोगों ने प्रतिक्रिया
कराची के एक पत्रकार मुबाशिर जैदी ने ट्वीट किया, "स्थानीय मौलवियों की अगुवाई में भीड़ ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में एक हिंदू मंदिर को नष्ट कर दिया। हिंदुओं ने मंदिर को बढ़ाने के लिए प्रशासन से अनुमति ली थी लेकिन मौलवियों ने भीड़ जमाकर मंदिर को नष्ट कर दिया। पुलिस-प्रशासन मूक दर्शक बने रहे।"
लंदन की मानवाधिकार कार्यकर्ता शमा जुनेजो ने ट्वीट किया, "यह नया पाकिस्तान है! पीटीआई सरकार के शासन में खैबर पख्तूनख्वा के शहर करक में हिंदू मंदिर को नष्ट कर दिया गया। पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश नहीं की क्योंकि वह "अल्लाहु अकबर" के नारे लगा रहे थे। एक शर्मनाक दिन, जो निंदा से भी परे है।
This is new Pakistan!
— Shama Junejo (@ShamaJunejo) December 30, 2020
A Hindu Temple was destroyed today in Karak, a city in Khyber Pakhtunkhwa province, governed by PTI Govt.
Police or forces didn’t stop the mob because they were chanting Allah-o-Akbar.
A shameful day, Beyond condemnation indeed!
pic.twitter.com/ZIzmCnoGUX
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार जिला पुलिस अधिकारी इरफान मरवत ने बताया कि घटना खैबर पख्तूनख्वा में करक जिले के टेर्री गांव की है। मरवत के मुताबिक, मंदिर को विस्तार देने का काम किया जा रहा था जिसका विरोध हो रहा था। भीड़ ने पुराने ढांचे के समीप बनाए गए नए निर्माण को गिरा दिया। इस घटना में अब तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है और न ही किसी की गिरफ्तारी हुई है। पाकिस्तान के मानवाधिकारों के लिए संघीय संसदीय सचिव लालचंद मल्ही ने इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को बदनाम करने के लिए ऐसी असामाजिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कुछ समूह सक्रिय हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगी। मल्ही ने बताया कि उन्होंने जिला प्रशासन से मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा है। उधर, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने मंदिर पर हमले को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है। हिंदू समुदाय पेशावर के नेता हारून सरब दियाल ने कहा कि इमरान खान धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की बात करते हैं लेकिन पाकिस्तान में ही अल्पसंख्यकों के पूजा स्थल महफूज नहीं हैं। उन्होंने कहा कि घटना हिंदू समुदाय की भावनाओं को आहत करती है, इस्लामी विचारधारा परिषद को इसका संज्ञान लेना चाहिए।