रूस पर कड़ा प्रतिबंध लगाने के लिए कई देश सामने आये, जानें रूस कौन सा रूख अख्तियार करेगा?

रूस-यूक्रेन विवाद रूस पर कड़ा प्रतिबंध लगाने के लिए कई देश सामने आये, जानें रूस कौन सा रूख अख्तियार करेगा?

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-23 18:45 GMT
रूस पर कड़ा प्रतिबंध लगाने के लिए कई देश सामने आये, जानें रूस कौन सा रूख अख्तियार करेगा?
हाईलाइट
  • पुतिन की सेना ने मोर्चा संभाला
  • अमेरिका ने 2 बैंक VEB और मिलिट्री बैंक पर बैन लगाया

डिजिटल डेस्क, मास्को। रूस और यूक्रेन के बीच जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुतिन की सेना ने मोर्चा संभाल लिया। यूक्रेन और रूस विवाद पर पूरी दुनिया का नजर है। अब अमेरिका और यूरोपीय देशों के पास ज्यादा सोचने व समझने का वक्त नहीं बचा है, इसलिए रूस पर कड़ा एक्शन लेने पर विचार कर सकता है। क्योंकि पुतिन ने तय कर लिया है कि यूक्रेन या तो नाटो में शामिल होने का मोह छोड़ दे या फिर युद्ध झेलने के लिए तैयार रहे।

अब रूस के इस अड़ियल रवैये की तोड़ क्या है? रूस की विस्तारवादी नीति पर पूरी दुनिया कैसे पार पाएगी? इस सवाल का कोई स्थाई जवाब तो नहीं मिला है लेकिन बड़े देशों के कदमों पर नजर डालें तो प्रतिबंध वो बड़ा कदम साबित हो सकता है। युद्ध और कूटनीति के मामले में प्रतिबंध एक ऐसा हथियार  है कि जिसका धमाका सुनाई और दिखाई नहीं देता लेकिन इसका असर बहुत गहरा और लंबे समय तक रहता है। अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाकर इसी तरह का एक साइलेंट हमला बोला है हालांकि इसका दूसरा पहलू ये भी है कि जब रूस जैसा देश बदला लेने की कसम खा चुका हो तो वो प्रतिबंधों के पार जाकर युद्ध के लिए तैयार रहता है।

रूस पर लगे ये प्रतिबंध

अभी तक अमेरिका ने 2 बैंक VEB और मिलिट्री बैंक पर बैन लगाया है। इसके अलावा भी रूस के sovereign debt पर भी रोक लगाई गई है. sovereign debt वो पैमाना है जिससे किसी देश के लोन चुकाने की क्षमता और विश्वसनियता के आधार पर रेटिंग दी जाती है। इसके आधार पर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में किसी भी देश की आर्थिक और व्यापारिक क्षमता तय की  जाती है। अमेरिका ने जिम बैंको पर प्रतिबंध लगाया है, उसका दायरा बहुत मामली है अगर ये दायरा बढ़ता है तो इससे दुनियाभर में रूस के बैंकिंग कारोबार पर बड़ा असर पड़ेगा।

इसके अलावा अमेरिका पूर्वी यूक्रेन के दो इलाके लुहान्स्क और दोनेत्स्क जिन्हें रूस ने दो राष्ट्र घोषित कर दिया है। उन पर व्यापार की पाबंदी लगा सकता है।  रूस-यूक्रेन विवाद में ब्रिटेन भी यूक्रेन के समर्थन में कूद पड़ा और रूस के 5 बैंक और हाई नेटवर्थ वाले 3 नागरिकों पर पाबंदी लगा दी है। बोरिस जॉनसन ने कहा है कि रूस के जिन तीन अरबपतियों पर पाबंदी लगाई गई है। ब्रिटेन में उनकी संपत्ति फ़्रीज की जा रही है और उन्हें ब्रिटेन आने से रोका जाएगा। इसके अलावा जर्मनी ने रूस के साथ नॉर्ड स्ट्रीम2 गैस पाइपलाइन को शुरू करने की प्रक्रिया रोक दी है। रूस को इस तरह से पश्चिमी देशों द्वारा प्रतिबंध लगाकर घेरा जा रहा है।

रूस झुकेगा या फिर लड़ाई करेगा?

पश्चिमी देशों के इन प्रतिबंधों के बावजूद भी अभी रूस युद्ध से अपना कदम पीछे नहीं खींच रहा है। ताजा सैटेलाइट तस्वीरों में यूक्रेन बॉर्डर के पास साउथ बेलारूस में सौ से ज्यादा मिलिट्री व्हिकल्स और रूसी सेना के दर्जनों टैंट देखे जा सकत हैं। यूक्रेन और बेलारुस बॉर्डर से सटे मोइजर इलाके में रूस ने हेलीपैड का भी निर्माण कराया है। इन सेटेलाइट तस्वीरों में पश्चिम रूस में यूक्रेन बॉर्डर के काफी नजदीक रूसी सेना का एक नया फील्ड अस्पताल भी दिख रहा है। रूस ने यूक्रेन के तीन तरफ से दो लाख सैनिक तैनात कर दिए हैं।

पुतिन ने लास्ट वार्निंग के तौर पर अमेरिका और पश्चिमी देशों को युद्ध रोकने का आखिरी मौका दिया है। इसी वजह से अमेरिका और नाटो देशों की शह पर यूक्रेन अब तक रूस के खिलाफ सीना तानकर खड़ा जरूर है। लेकिन उसे पता है कि अगर रूस ने अटैक किया तो उसका जवाब यूक्रेनी सेना को ही देना होगा। नाटो देशों को पता है कि अगर युद्ध जैसा रूस कदम उठाता है तो यूक्रेन को आगे आना पड़ेगा बाकी तो पश्चिमी देश समर्थन दे सकते हैं।

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