पाकिस्तान पर छाए श्रीलंका की तरह आर्थिक संकट के बादल, पीएम शहबाज की बढ़ी मुसीबत
पाक भी होगा दिवालिया! पाकिस्तान पर छाए श्रीलंका की तरह आर्थिक संकट के बादल, पीएम शहबाज की बढ़ी मुसीबत
- कंगाली की कगार पर पाकिस्तान
- पूर्व पीएम इमरान ने मांगी थी मदद
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान की इन दिनों आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। पाकिस्तान में भले ही सत्ता परिवर्तन हो गया है, लेकिन चुनौतियां वैसे ही बनी हुई हैं। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज खान के लिए वहां की चरमराई हुई अर्थव्यवस्था को ठीक करना सिर दर्द बन गया है। पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से खत्म हो रहा है, जिसकी वहज से पाकिस्तान में आर्थिक संकट के बादल मंडराना शुरू हो गए हैं।
गौरतलब है कि जिस हालात से वर्तमान समय में श्रीलंका जूझ रही है ठीक वहीं हालात पाकिस्तान के होने कि संभावना है। श्रीलंका की तरह पाकिस्तान भी दिवालिया होने के कगार पर खड़ा है। इस तरह से देखा जा सकता है कि पाकिस्तान के पास उतने पैसे नहीं है जिससे वो विदेशी कर्ज चुका पाए। इस स्थिति से बचने के लिए पाकिस्तान को जल्द ही बड़े विदेशी कर्ज की जरुरत पड़ेगी।
पाक की बढ़ रही हैं मुश्किलें
भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इन दिनों अपने सबसे बुरे समय से गुजर रहा है। बढ़ते आर्थिक समस्याओं के कारण पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। गौरतलब है कि दिसंबर 2017 में जब पाकिस्तान की सरकार ने एक अरब डॉलर के पाकिस्तान सुकुक बॉन्ड को बेचा था, जिस पर 5.625 प्रतिशत ब्याज दर था। लेकिन, अब ऐसे बॉन्ड्स पर ब्याज दर बढ़कर 27 प्रतिशत हो गया है। पाकिस्तान के अखबार द न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो हफ्तों में पाकिस्तान के डिफॉल्टर होने का खतरा तेजी से बढ़ा है।
पाकिस्तान मुल्क के बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने कहा है कि जून 2022 के अंत से पहले पाकिस्तान पर 4.889 अरब डॉलर का बकाया है। तो ऐसे में पाकिस्तान का चालू खाता घाटा भी बढ़ता जा रहा है। अनुमान लगाया जा सकता है कि जून के अंत तक पाकिस्तान चालू खाता घाटा 3 अरब अरब डॉलर तक जा सकता है।
क्या होगा अगर पाक दिवालिया होता है?
पाकिस्तान अगर श्रीलंका की तरह दिवालिया हो जाता है, तो इससे पाकिस्तान को बहुत ज्यादा नुकसान होगा। क्योंकि अगर किसी देश को डिफॉल्टर घोषित होने से अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों का उस पर भरोसा खत्म होता है। तो इससे देश की प्रतिष्ठा को काफी क्षति पहुंचता है। विदेशी कर्ज लेना भी काफी मुश्किल हो जाता है, क्योंकि कोई भी किसी दिवालिया देश को कर्ज नहीं देना चाहता।
अगर कर्ज मिलता भी है तो उसके लिए ज्यादा ब्याज चुकाने पड़ते है। कोई देश अगर दिवालिया घोषित होता है, तो उस देश की मुद्रा की छवि खराब होती है। फिलहाल पाकिस्तान का घाटा बजट 5 अरब रुपये के करीब है और चालू खाता घाटा 20 अरब डॉलर के करीब पहुंच चुका है। पाकिस्तान इन दिनों महंगाई की भी मार रही हैं।
जब पूर्व पीएम इमरान ने मदद मांगी थी
पाकिस्तान महंगाई जैसी समस्याओं से इमरान खान सरकार में झेल रहा था। उस वक्त भी पाक के पूर्व प्रधानमंत्री ने सऊदी अरब से आर्थिक मदद की मांग की थी। तब पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 50 हजार करोड़ के करीब था। हालांकि इमरान की मांग पर सऊदी अरब ने छह माह की मोहलत दी थी। उधर अपने वादों से हटकर पाकिस्तान को चीन ने बड़ा झटका देते हुए 19 हजार करोड़ रूपए की मदद देने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान की ये विदेश नीति की विफलता भी मानी जा रही है।
शहबाज शरीफ ने मांगी मदद
पाकिस्तान के नए पीएम शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान की बदतर होती स्थिति को सुधारने के लिए प्रयास शुरू कर दी है। इसी को लेकर हाल ही में अपनी पहली विदेश यात्रा में सऊदी अरब का दौरा किया था। सऊदी यात्रा का मकसद सिर्फ यही था कि पाक को कर्ज की मोहलत और नए कर्ज देने में मदद की जाए। गौरतलब है कि पाकिस्तान को अमेरिका और चीन से आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही है। जिसकी वजह से पाकिस्तान की चिंताई बढ़ती जा रही है।