जमाते इस्लामी हिंद ने यूक्रेन पर हमले की निंदा की

रूस-यूक्रेन विवाद जमाते इस्लामी हिंद ने यूक्रेन पर हमले की निंदा की

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-26 13:00 GMT
जमाते इस्लामी हिंद ने यूक्रेन पर हमले की निंदा की
हाईलाइट
  • जमाते इस्लामी हिन्द ने युद्धविराम की मांग की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जमाते इस्लामी हिन्द (जेआईएच) ने यूक्रेन पर रूसी हमले की कड़ी निंदा की है और संयम बरतने तथा तत्काल युद्धविराम की मांग करते हुए इस क्षेत्र में संघर्ष को आपसी बातचीत के जरिए हल करने का आग्रह किया है। संगठन के अध्यक्ष सैयद सदातुल्ला हुसैनी ने कहा दुनिया अभी कोविड -19 महामारी के प्रभावों से बाहर आ रही है। रूस के इन सैन्य अभियानों से व्यापक पैमाने पर युद्ध जैसे हालात बनने की आशंका है जिसके बाद इस क्षेत्र को ऐसी स्थिति से बचाना मुश्किल हो जाएगा।

उन्होंने कहाहम एक सभ्य दुनिया में रहते हैं जहां राष्ट्रों के बीच मतभेदों और संघर्षों को कूटनीति, बातचीत और मंत्रणा के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। सैन्य कार्रवाई और एक दूसरे पर कब्जा करना देशों के बीच लंबित मुद्दों को हल करने का तरीका नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस संघर्ष में सकारात्मक कूटनीतिक भूमिका निभाने और अपने प्रभाव का उपयोग कर बातचीत के माध्यम से दोनों देशों के बीच लंबित मुद्दों को हल करने का आग्रह किया।

हुसैनी ने केन्द्र सरकार से यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए त्वरित प्रयास करने का आग्रह करते हुए कहा हम विशेष रूप से सरकार से यूक्रेन में 20,000 से अधिक भारतीय छात्रों को तत्काल आधार पर वापस लाने का आग्रह करते हैं। इन्हें सरकारी खर्चे पर हवाई अथवा सड़क मार्ग से लाया जा सकता है।

एयर इंडिया के निजीकरण के बाद हवाई किराए में काफी वृद्धि हुई है। गरीब छात्रों के लिए अपनी घर वापसी का खर्च वहन करना संभव नहीं हो सकता है, और इसलिए इस मामले में सभी पहलुओं को देखते हुए केन्द्र सरकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता है। सरकार को उनकी सुरक्षा और भारत में सुरक्षित मार्ग की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए।

गौरतलब है कि इस संघर्ष ने एक बार फिर बड़ी शक्तियों के पाखंड को बेनकाब कर दिया है। अब समय आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठनों को लोकतांत्रिक तथा मानवीय सिद्धांतों पर पुनर्गठित किया जाए। इसके साथ ही दुनिया बड़ी महाशक्तियों की परवाह किए बगैर एक एकीकृत सैद्धांतिक स्थिति की ओर बढ़े जहां किसी का कोई खौफ नहीं हो।

(आईएएनएस)

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