ऑस्ट्रेलिया में एक बार फिर हिंदू मंदिर को बनाया निशाना, भारत विरोधी खालिस्तानी समर्थकों ने की तोड़फोड़, दीवारों पर लिखे आपत्तिजनक नारे

खालिस्तानियों की नापाक करतूत ऑस्ट्रेलिया में एक बार फिर हिंदू मंदिर को बनाया निशाना, भारत विरोधी खालिस्तानी समर्थकों ने की तोड़फोड़, दीवारों पर लिखे आपत्तिजनक नारे

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-04 06:04 GMT
ऑस्ट्रेलिया में एक बार फिर हिंदू मंदिर को बनाया निशाना, भारत विरोधी खालिस्तानी समर्थकों ने की तोड़फोड़, दीवारों पर लिखे आपत्तिजनक नारे
हाईलाइट
  • यह ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हिंदु समुदाय को डराने का एक पैटर्न बन गया है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीते दो महीने से ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों पर हमले के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ताजा मामला ब्रिसबेन का है जहां स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में खालिस्तानी समर्थकों ने एक बार फिर तोड़फोड़ की है। गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिर पर हमला होने की यह चौथी घटना है। इससे पहले जनवरी में मेलबर्न के तीन मंदिरों को 15 दिनों के भीतर निशाना बनाया गया था। उस दौरान भी मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी और दीवारों पर देश विरोधी नारे लिखे गए थे। इन घटनाओं के बाद ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीय मूल के लोगों ने गुस्सा जाहिर किया था। 

स्थानीय मीडिया के अनुसार घटना 4 मार्च की है, जब श्रृद्धालु तड़के सुबह पूजा करने मंदिर पहुंचे। ऑस्ट्रेलिया टुडे की खबर के मुताबिक, खालिस्तानी समर्थकों ने कथित तौर पर साउथ ब्रिसबेन के बरबैंक में स्थित श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर में तोड़फोड़ की। मंदिर के अध्यक्ष ने मीडिया को बताया कि, मंदिर के पुजारी ने सुबह उन्हें इस घटना के बारे में उन्हें जानकारी दी। शुक्ला के अनुसार जल्द ही मंदिर प्रबंधन समिति और पुलिस अधिकारियों की बैठक होने वाली है, जिसके बाद ही वह इस मामले पर विस्तृत बयान देंगे। मंदिर के पास रहने वाले रमेश कुमार ने मीडिया को बताया कि हमें पता है हिंदू मंदिरों में क्या हुआ है, नफरत का सामना करना अपने आप में बेहद दुखद अनुभव है। 

बता दें कि इससे पहले भी ब्रिसबेन में स्थित गायत्री मंदिर को भी इसी तरह की धमकी भरे फोन आए थे। कहा जा रहा है कि ये फोन भी पाकिस्तान समर्थित खालिस्तान चरमपंथी संगठन के द्वारा किये गए थे। 

वहीं इस मामले पर हिंदू मानवाधिकार का कहना है कि यह ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हिंदु समुदाय को डराने का एक पैटर्न बन गया है। मानवाधिकार की निदेशक सारा एल गेट्स ने ऑस्ट्रेलिया टुडे को बताया कि हिंदू मंदिरों पर हमला करना चरमपंथी सिख फॉर जस्टिस का एक पैटर्न है। इसका उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया को डराना उन्हें आतंकित करना है। 

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों पर हमले की बीते दो महीनों में ये चौथी घटना है।  12, 17 और 29 जनवरी में देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदू मंदिरों पर हमले हुए थे। जिस पर कैनबरा स्थित भारतीय उच्चायोग कड़ी आपत्ति जताई थी। उच्चायोग ने तब बयान जारी कर कहा था कि 'हम मेलबर्न में तीन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की कड़ी आलोचना करते हैं। यह साफ तौर पर शांतिपूर्ण और बहुधर्मी भारतीय ऑस्ट्रेलियाई समाज में नफरत और बंटवारा करने की कोशिश है।' इसके साथ ही आयोग ने कहा था कि, 'ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि खालिस्तान समर्थक तत्व ऑस्ट्रेलिया में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहे हैं और उन्हें घोषित आतंकी संगठनों जैसे सिख फॉर जस्टिस और ऑस्ट्रेलिया के बाहर की एजेंसियां मदद कर रही हैं। हाल के दिनों में इसमें तेजी आई है।'

 

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