Corona Crisis: 11 हजार से ज्यादा मौतें, लेकिन कोरोनावायरस का एक फायदा भी, रिसर्चर का दावा-50 हजार से ज्यादा जान बचेंगी
Corona Crisis: 11 हजार से ज्यादा मौतें, लेकिन कोरोनावायरस का एक फायदा भी, रिसर्चर का दावा-50 हजार से ज्यादा जान बचेंगी
- कोरोना वायरस के कारण कई देशों ने किया लॉकडाउन
- दुनियाभर में कोरोनावायरस को लेकर हाहाकार
- मरने वालों का आंकड़ा 11 हजार के पास हुआ
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) ने दुनियाभर में तहलका मचा रखा है। मरने वालों की संख्या अबतक 11,244 हो गई है। वायरस की वजह से कई देशों में लॉकडाउन (Lockdown) हो गया है। इस बीच कोरोनावायरस को लेकर बड़ी रिसर्च सामने आई है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (Stanford University) के एक शोधकर्ता ने कहा कि चीन द्वारा किए गए कठोर उपायों से वायु प्रदूषण में कमी आई है। जिससे कई लोगों की जान बच सकती है।
वहीं इटली के वेनिस शहर जहां लॉकडाउन है। यहां भी प्रदूषण कम हुआ है। वेनिस में हर महीने करीब 50 लाख ज्यादा पर्यटक घूमने आते हैं, लेकिन वायरस के चलते नहीं आ रहे हैं। जिससे वेनिस की नहरों का पानी साफ हो गया है। पानी इतना साफ हो गया कि नहर के नीचे का हिस्सा स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अनुमान लगाया है कि प्रदूषित हवा में बारीक कणों के संपर्क में आने से हर साल लगभग 7 लाख लोग मारे जाते हैं। वहीं चीन के पर्यावरण मंत्रालय ने भी माना है कि हुबेई प्रांत में पिछले साल के अपेक्ष इस साल फरवरी में हवा की गुणवत्ता में 21.5% का इजाफा हुआ है। अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि कोरोना के कारण किए गए लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण का स्तर कम हुआ है। लोगों को साफ-सुधरी हवा मिल रही है।
मार्शल बर्क (Marshall Burke) ने बताया कि वायु प्रदूषण और प्री-मैच्योर मौतों के बीच की कड़ी को अच्छी तरह से स्थापित किया गया है। 24 देशों के 652 शहरों और 6 महाद्वीपों के क्षेत्रों में 30 साल के विश्लेषण में सामने आया है कि वायु प्रदूषण का स्तर जितना अधिक होगा, उतनी तेजी से लोग मरते हैं।
स्टैनफोर्ड के अर्थ सिस्टम साइंस विभाग में सहायक प्रोफेसर मार्शल बर्क (Marshall Burke) ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से वायु प्रदूषण (Air Pollution) में कमी आई है। जिससे चीन में 50 से 75 हजार लोग समय से पहले मरने से बच गए। इस तरह चीन में वायु प्रदूषण की कमी की वजह से बीस गुना अधिक लोगों की जान बच गई।