चीन को कोरोना ने किया लाचार, रिसर्च में दावा, हो सकती है 10 लाख लोगों की मौत, एक तिहाई चीनी आबादी पर मंडराया संक्रमण का खतरा

कोरोना ने बढ़ाया टेंशन चीन को कोरोना ने किया लाचार, रिसर्च में दावा, हो सकती है 10 लाख लोगों की मौत, एक तिहाई चीनी आबादी पर मंडराया संक्रमण का खतरा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-17 12:31 GMT
हाईलाइट
  • कोरोना ने चीन की बढ़ाई मुश्किलें

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। कोरोना एक बार फिर से चीन में कहर बरपा रहा है। साल 2019 में चीन के शहर वुहान से निकला कोरोना वायरस पूरी दुनिया में हाहाकार मचाया हुआ था। लेकिन चीन में फिर से इस संक्रमण ने अपना पांव पसारना शुरू कर दिया है। जिसके बाद ड्रैगन के सामने नई मुश्किलें आ खड़ी हुई हैं। कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए कुछ दिन पहले चीन की सरकार ने देशभर में जीरो कोविड पॉलिसी लागू कर दिया था। 

कोरोना पॉलिसी के नाम पर चीन की कम्युनिस्ट सरकार अपने नागरिकों पर खूब जुल्म किया था। चीन की सरकार अपने लोगों को कोरोना के नाम पर बंधक बना रखी थी। वहीं, लोगों के घर से निकलना पूरी तरह से बैन था। अब चीन में कोरोना संक्रमण को बढ़ते देख एक रिसर्च सामने आया है। जो कि हैरान करने वाला है।

रिसर्च में दावा

चीन में कोरोना से मचे हाहाकार के बीच ही अमेरिका के एक रिसर्च में दावा किया गया है कि आने वाला साल चीन के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। साल 2023 के अप्रैल महीने में कोरोना सक्रंमण काफी पीक पर रहेगा। वहीं, रिसर्च में दावा किया गया है कि चीन में कोविड-19 की वजह से लगभग एक मिलियन लोगों की मौत होने की संभवना है। साथी ही चीन की करीब एक तिहाई आबादी इस महामारी से संक्रमित हो सकती है। 

जा सकती है इतने लोगों की  जान

दरअसल, चीन में कोरोना मामलों को बढ़ता देख अमेरिका की इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन ने अपने रिसर्च में दावा किया है कि चीन में कड़े प्रतिबंध के बावजूद अगले साल कोरोना संक्रमण के मामले और तेजी से वृद्धि होगी। जिसका खामियाजा 10 लाख लोगों को अपनी जान गंवा कर देनी पड़ सकती है। रिसर्च में ये भी दावा किया गया है कि आने वाले साल में एक अप्रैल चीन के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहने वाला है अप्रैल महीने में संक्रमण अपने चरम पर रहेगा। वहीं, मौत का आंकड़ा पीक के दौरान 3,22,000 रहने की संभावना जताई गई है।

आईएचएमई के डॉयरेक्टर क्रिस्टोफर मरे ने दावा किया है कि आने वाले साल के अप्रैल माह तक चीन की एक तिहाई आबादी कोरोना संक्रमण के चपेट में आ जाएगी। वहीं, चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्थ प्राधिकरण ने जब से देश में लगे कोविड प्रतिबंधों को हटाया है, उसके बाद से किसी भी आधिकारिक रूप से मरीजों की मौत की सूचना नहीं दी है। चीन ने अपने आधिकारिक मौत का आंकड़ा 3 दिसंबर को दर्ज किया था। चीन ने आधिकारिक रूप से संक्रमण से हुए मौत के आंकड़े को 5,235 बताया है।  

खतरे में है चीन की पूरी आबादी

चीन में जीरो कोविड पॉलिसी के चलते काफी हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार ने प्रतिबंध हटा लिया है। जिसके बाद से चीन में वायरस को तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। इसी के साथ ये भी आशंका जताई जा रही है कि नए साल की छुट्टी के दौरान चीन में और तेजी से कोरोना बढ़ सकता है। जिससे देश की तकरीबन 140 करोड़ आबादी पर खतरा आ सकता है।

आईएचएमई के निर्देशक क्रिस्टोफर मरे बीते शुक्रवार को चीन को लेकर कहा कि किसी ने नहीं सोचा था कि कब तक वे कोविड-19 की जीरो पॉलिसी से बंधे रहेंगे। मरे ने आगे कहा कि चीन ने जो जीरो कोविड पॉलिसी लगाई थी, वो पहले वैरिएंट को कंट्रोल में रख सकती है। लेकिन ओमिक्रॉन वैरिएंट को जीरो कोविड पॉलिसी से नियंत्रण नहीं किया जा सकता है।

चीन की वैक्सीन है कम प्रभावशाली

गौरतलब है कि चीन अपने नागरिकों को देश में बने वैक्सीन को ही लगाता है। इसके पहले भी अमेरिका समेत पश्चिम देश भी उस पर आरोप लगाते रहते हैं कि वो विदेश के बने वैक्सीन को नजरअंदाज करता है। अमेरिका ने कुछ दिनों पहले ही कहा था कि चीन विदेशी वैक्सीन लेने से साफ माना करता है, सिर्फ देश में बने वैक्सीन के भरोसे बैठा है। जबकि कोरोना के नए वैरिएंट पर चीन की वैक्सीन ज्यादा प्रभावशाली नहीं है। चीन में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए दुनियाभर के देश अलर्ट मोड पर हैं।

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