कोरे कागज से दहली चीन की सरकार, दुनियाभर में हो रही ब्लैंक पेज क्रांति की चर्चा, जानिए खाली पन्ने के साथ विरोध पर क्यों अमादा हुए चीन के लोग
चीन की मुश्किलें कोरे कागज से दहली चीन की सरकार, दुनियाभर में हो रही ब्लैंक पेज क्रांति की चर्चा, जानिए खाली पन्ने के साथ विरोध पर क्यों अमादा हुए चीन के लोग
- क्या है ब्लैंक पेज क्रांति
डिजिटल डेस्क, बीजिंग। कोरोना वायरस चीन में फिर से पैर पसारना शुरू कर दिया है। इससे बचने के लिए चीनी सरकार की ओर से देश में जीरो कोविड पॉलिसी लागू की गई है। चीन के कई इलाकों में इस कड़ाई से पालन कराया जा रहा है, जहां पर कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कड़े प्रतिबंधों की वजह से चीन में लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है और व्यापार से लेकर आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। यही वजह है कि चीन में लोग लॉकडाउन का जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। धीरे-धीरे चीन के कई हिस्सों में विरोध की लपट भयावह होती जा रही है। इस प्रदर्शन में लोगों ने अब कोरे कागज का सहारा लिया है। तो आइए जानते हैं ब्लैंक पेज रेवोल्यूशन के बारे में और इस प्रदर्शन के क्या है मायने?
क्या है ब्लैंक पेज क्रांति?
चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ धरना देना मुमकिन ही नहीं बल्कि नामुमकिन माना जाता है। हालांकि, चीनी नागरिकों ने सरकार के विरोध में एक अनोखा तरीका प्रदर्शन करने के लिए निकाला है। प्रदर्शनकारियों ने एक सफेद कोरे कागज को लेकर सड़कों पर रैलियां निकाली और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। चीन में कोरोना लॉकडाउन की वजह से हंगामें बढ़ते ही जा रहे हैं। जो कि सरकार ने लिए शुभ संकेत नहीं माना जा रहा है।
प्रदर्शन में ब्लैंक पेपर शामिल करनी की वजह
प्रदर्शनकारी हाथ में ए4 साइज पेपर लेकर जिसमें कोई सिंबल, टेक्स्ट लिखे बगैर ही सड़कों पर सत्ताधारी सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जो कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की असहमति की सेंसरशिप की प्रतीकात्मक रूप से आलोचना करता है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सिर्फ कोरे कागज पकड़ने के लिए सरकार उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती है। इस वजह से विरोध के दौरान चीनी प्रदर्शनकारी इसका उपयोग कर रहे हैं। लोग इसमें इस्तेमाल किए जा रहे कोरे कागज को श्वेत पत्र क्रांति और A4क्रांति भी कह रहे हैं।
प्रदर्शन ने दुनियाभर में खींचा ध्यान
चीन के श्वेत पत्र क्रांति ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। ग्लोबल कम्युनिटी ने भी विरोध प्रदर्शनों का समर्थन किया और चीनी सरकार की जमकर आलोचना की। अमेरिकन मैगजीन व नेशनल रिव्यू के लिए लिखते हुए जियानली यांग और ब्रैडली थायर ने तर्क दिया कि ब्लैंक पेज रिवोल्यूशन की विरासत लंबी होगी। उन्होंने आगे कहा कि यह एक ऐसी क्रांति है, जो चीन को नया जन्म देगा और आने वाले वक्त में चीन अपने को आजाद महसूस करेगा। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को लोकतंत्र समर्थक ताकतों का समर्थन करने के साथ-साथ बीजिंग सत्ताधारी पार्टी को बल का सहारा लेने से रोकने के लिए सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करना चाहिए।
चीन में बड़े बदलाव की आहट
जियानली यांग व ब्रैडली थायर ने आगे कहा कि दुनिया बेसब्री से कम्युनिस्ट सरकार के अल्पकालीन पतन को देख रही है। क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय जानकारों की माने तो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अगर जीरो कोविड पॉलिसी नहीं छोड़ी तो इससे बड़े बदलाव की आहट के तौर पर देखा जा सकता है। इस वक्त चीन बड़े परिवर्तन की दहलीज पर खड़ा है।
सत्ता के खिलाफ उतरे चीनी नागरिक
ह्यूमन राइट्स वॉच के मुताबिक, दुनिया उत्सुकता से कम्युनिस्ट चीन के पतन को देख रही है। अंतर्राष्ट्रीय जानकारों की माने तो चीन के वित्तीय केंद्र शंघाई में हजारों लोगों ने सार्वजनिक तौर पर सरकार के खिलाफ सख्त कोविड-19 प्रतिबंधों का विरोध करना शुरू कर दिया था और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सत्तावादी शासन की निंदा की थी। देशभर के विश्वविद्यालय के छात्र प्रदर्शन करने के लिए अपने परिसरों में एकत्र हुए और प्रदर्शन किया। वुहान, चेंगदू बीजिंग और अन्य बड़े शहरों में सैकड़ों लोग सड़कों पर भी उतर आए।