मनोरंजन उद्योग पर चीन का नया फरमान, सोशल मीडिया पर मशहूर हस्तियों की दौलत दिखाने पर प्रतिबंध
नया प्रतिबंध मनोरंजन उद्योग पर चीन का नया फरमान, सोशल मीडिया पर मशहूर हस्तियों की दौलत दिखाने पर प्रतिबंध
- सोशल मीडिया यूजर्स को अच्छे रीति-रिवाजों का करना होगा पालन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मनोरंजन उद्योग पर ताजा कार्रवाई के तहत चीन ने अपनी मशहूर हस्तियों के सोशल मीडिया पर निजी संपत्ति दिखाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के साइबरस्पेस प्रशासन ने मंगलवार को घोषणा की कि देश में मशहूर हस्तियों को सोशल मीडिया पर धन दिखाने या असाधारण आनंद की अनुमति नहीं दी जाएगी। नियम मशहूर हस्तियों को झूठी या निजी जानकारी प्रकाशित करने, प्रशंसकों को अन्य प्रशंसक समूहों के खिलाफ भड़काने और अफवाहें फैलाने से भी रोकते हैं।
इसके अलावा, बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट में है कि मशहूर हस्तियों और प्रशंसकों, दोनों के सोशल मीडिया खातों को सार्वजनिक व्यवस्था और अच्छे रीति-रिवाजों का पालन करना, सही जनमत अभिविन्यास और मूल्य अभिविन्यास का पालन करना, समाजवादी मूल मूल्यों को बढ़ावा देना और एक स्वस्थ शैली और स्वाद बनाए रखना होगा। नए नियम चीन में सेलिब्रिटी संस्कृति पर नवीनतम कार्रवाई का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस तरह देश मनोरंजन उद्योग पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर में चीन की मशहूर हस्तियों को चेतावनी दी गई थी कि उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा आयोजित एक मनोरंजन उद्योग संगोष्ठी में पैसे की पूजा, सुखवाद और चरम व्यक्तिवाद के पतनशील विचारों का विरोध करना चाहिए।
बीजिंग में बैठक इस नारे के साथ चली : पार्टी से प्यार करो, देश से प्यार करो, नैतिकता और कला की वकालत करो। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों और शो बिजनेस मालिकों ने भाग लिया, जिन्हें बताया गया कि उन्हें सामाजिक नैतिकता, व्यक्तिगत नैतिकता और पारिवारिक मूल्यों के अनुरूप होना चाहिए। चीन सेलिब्रिटी संस्कृति और धन की खोज को एक खतरनाक पश्चिमी आयात के रूप में देखता है, जो साम्यवाद के लिए खतरा है, क्योंकि यह सामूहिकता के बजाय व्यक्तिवाद को बढ़ावा देता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सम्मेलन में भाग लेने वालों से कहा गया था कि उन्हें अश्लील और घटिया स्वाद का त्याग करना चाहिए और पैसे की पूजा, सुखवाद और चरम व्यक्तिवाद के पतनशील विचारों का विरोध करना चाहिए।
(आईएएनएस)