कनाडा की मीडिया ने चीन की साजिशों का किया भंड़ाफोड़, 2021 चुनाव के दौरान कंजर्वेटिव पार्टी के खिलाफ रची थी साजिश, ट्रूडो को पहुंचाई थी मदद
फिर उजागर हुआ चीन का नापाक चेहरा कनाडा की मीडिया ने चीन की साजिशों का किया भंड़ाफोड़, 2021 चुनाव के दौरान कंजर्वेटिव पार्टी के खिलाफ रची थी साजिश, ट्रूडो को पहुंचाई थी मदद
- चीन ने चुनाव में जस्टिन ट्रूडो का किया मदद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कनाडाई मीडिया ने चीन की साजिशों का भंड़ाफोड़ किया है। वहां की मीडिया संस्थान में चली रही खबरों के मुताबिक साल 2021 के चुनावों में चीन ने सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के पक्ष में संघीय चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए एक अभियान चलाया था। साथ ही मीडिया ने यह भी खुलासा किया है कि चीन नहीं चाहता था कि कनाडा में कंजर्वेटिव पार्टी की जीत हो, इसलिए उन्होंने अपने राजनयिकों और सहयोगियों के साथ लिबरल पार्टी को सपोर्ट किया।
कनाडा की मीडिया ने चीन पर आरोप लगाया है कि ड्रेगन ने 2021 के चुनाव के दौरान दुष्प्रचारों को भी बल दिया था। कनाडा की चर्चित अखबार 'द ग्लोब एंड मेल' में छिपी एक रिपोर्ट में रॉबर्ट फ़िफ़ और स्टीवन चेज़ ने दावा किया है कि चीन ने 2021 के संघीय चुनाव प्रचार-प्रसार के दौरान कनाड़ा के लोकतंत्र को बाधित करने के लिए एक रणनीति का इस्तेमाल किया था।
चीन ने चुनाव में जस्टिन ट्रूडो का किया मदद
रिपोर्ट के मुताबिक, "चीनी राजनयिकों और उनके सहयोगियों ने जस्टिन ट्रूडो और उनके नेताओं को चुनाव जीतवाने में समर्थन किया था और कंजर्वेटिव पार्टी के समर्थक को हराने के लिए काम किया था, क्योंकि कंजर्वेटिव वाले चीन के करीबी नहीं रहे हैं।" जानकारी के मुताबिक, यह रिपोर्ट कनाडा की जासूसी, कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा या सीएसआईएस के दस्तावेजों पर आधारित है।
रिपोर्ट में लिखा है कि,"खुफिया रिपोर्टों के पता चलता है कि बीजिंग ने यह तय कर लिया था कि चुनावों में कंजर्वेटिव की जीत न हो सके। इसके लिए चीन ने वैंकूवर और जीटीए(ग्रेटर टोरंटो एरिया) में पर्दे के पीछे रहते हुए चीनी-कनाडाई संगठनों के बीच दुष्प्रचार अभियानों को बल दिया था। वैंकूवर और जीटीए में बड़ी संख्या में चीनी आप्रवासी समुदाय हैं, जो कंजर्वेटिव का विरोध और ट्रूडो उदारवादियों का पक्ष लेते रहे हैं।"
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के पक्ष में था चीन
सीएसआईएस दस्तावेजों में यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि, "चीनी वाणिज्य दूतावास का एक अज्ञात अफसर कह रहा था कि कनाडा की लिबरल पार्टी ही एकमात्र ऐसी पार्टी बन रही है, जिसका पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना यानी (पीआरसी) समर्थन कर सकता है।" बता दें कि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बीजिंग चाहता था कि कनाडा में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी की ही सरकार बने लेकिन वह अल्पमत सीटों के साथ ही अपनी सरकार बना सके, ताकि कनाडा की संसद में पार्टियां आपसे में लड़ती रहें, क्योंकि यदि वहां पर बहुमत के साथ सरकार बन जाती है तो सरकार असानी से कठोर नियम लागू कर सकते हैं, जो चीन को पंसद नहीं था।