ब्रिटेन ने रूस पर की कार्रवाई, पांच बैंकों को किया बैन
यूक्रेन-रूस संकट ब्रिटेन ने रूस पर की कार्रवाई, पांच बैंकों को किया बैन
- पश्चिमी देशों को डर है कि कहीं रूस अचानक यूक्रेन पर हमला न कर दे
- ब्रिटेन के रक्षा सचिव रूस को गंभीर परिणाम भुगतना होगा
- यूक्रेन व रूस विवाद में अतर्राष्ट्रीय देश भी आमने-सामने आये
डिजिटल डेस्क, लंदन। यूक्रेन व रूस विवाद में अतर्राष्ट्रीय देश भी आमने-सामने आ गए हैं। यूक्रेन व रूस के बीच जारी संग्राम को लेकर पश्चिमी देशों की निगाहें टिकी हुई हैं। पश्चिमी देशों को डर है कि कहीं रूस अचानक यूक्रेन पर हमला न कर दे। इसी बीच रूस के राष्ट्रपति पुतिन पूर्वी यूक्रेन के दो शहरों लुहान्क व डोनेटस्क को आजाद मुल्क घोषित कर दिया है। इसके बाद ही दुनियाभर के देशों की प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं।
रूस-यूक्रेन विवाद में ब्रिटेन भी यूक्रेन के समर्थन में कूद पड़ा और रूस के 5 बैंक और हाई नेटवर्थ वाले 3 नागरिकों पर पाबंदी लगा दी है। रूस को लेकर ब्रिटेन की तरफ से बड़ा एक्शन माना जा रहा है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि हमें पुतिन की योजना के अगले संभावित कदमों के लिए खुद को तैयार करना चाहिए।
जॉनसन ने कहा कि अगर युद्ध हुआ तो ब्रिटेन के 44 मिलियन पुरूष, महिलाओं और बच्चों का टारगेट केवल युद्ध लड़ना होगा। बोरिस जॉनसन के इस बयान के बयान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर युद्ध हुआ तो विश्वभर के देशों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
रूस को गंभीर परिणाम भुगतना होगा
यूक्रेन-रूस विवाद को लेकर ब्रिटेन के रक्षा सचिव बेन वालेस ने रूसी सेनाओं को चेतावनी दी है कि अगर कहीं रूसी सैनिकों ने प्रतिक्रिया दी तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि रूस ने यूक्रेन में सेना को स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है। बेन वालेस ने इंग्लैंड के लीसेस्टरशायर में मंगलवार को बाल्टिक और उत्तरी अटलांटिक राज्यों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में रूसी सेना चेतावनी दी है।
जर्मनी ने भी लगाई रोक
यूक्रेन-रूस विवाद के बीच में जर्मनी भी आकर खड़ा हो गया है। जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्फ ने कहा कि जर्मनी ने रूस के साथ नॉर्ड स्ट्रीम2 पाइपलाइन परियोजना पर रोक लगा दी है। हालांकि रूस ने भी इस मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
सेना भेजने की योजना नहीं
पूर्वी यूक्रेन में दो राज्यों को अलग देश घोषित करने बाद अब रूस ने कहा है कि मास्को पूर्वी रूस में अपनी सेना भेजने के लिए कोई योजना नहीं बना रहा है, हालांकि पश्चिमी देशों को इस बात को लेकर संदेह है। वहीं नाटो ने मंगलवार को यूक्रेन के प्रतिनिधि के साथ तत्काल बैठक करने की घोषणा की है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव कब युद्ध का रूप ले ले ये बता पाना मुश्किल है।