रोहिंग्या, ऊर्जा क्षेत्र के मुद्दों पर भारत का सहयोग चाहता है बांग्लादेश
दुनिया रोहिंग्या, ऊर्जा क्षेत्र के मुद्दों पर भारत का सहयोग चाहता है बांग्लादेश
डिजिटल डेस्क, ढाका। बांग्लादेश की जातीय संसद (जेएस) की अध्यक्ष शिरीन शर्मिन चौधरी ने रोहिंग्या और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर भारत से सहयोग मांगा है।चौधरी ने उल्लेख किया कि भारत ने युद्ध के दौरान बांग्लादेशी शरणार्थियों को आश्रय और सभी प्रकार की सहायता दी, जिसे उनके देश के लोग सम्मान के साथ याद करते हैं।उन्होंने आगे जबरन विस्थापित रोहिंग्याओं को उनकी मातृभूमि म्यांमार में शांतिपूर्ण वापसी के लिए समर्थन मांगा। अध्यक्ष ने यह बात तब कही जब भारतीय उच्चायुक्त प्रणय कुमार वर्मा ने राजधानी में संसद भवन कार्यालय में उनसे शिष्टाचार मुलाकात की।
चौधरी ने कहा, बांग्लादेशी राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान और तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कूटनीतिक ज्ञान और वैचारिक नेतृत्व ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों की नींव रखी।उच्चायुक्त ने कहा कि यदि भारत-बांग्लादेश संयुक्त रूप से वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सकते हैं, तो सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में और सुधार होगा।
वर्मा ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश के अभूतपूर्व विकास की प्रशंसा की और कहा कि भारत और बांग्लादेश के लोगों के बीच संबंध बहुत सौहार्दपूर्ण हैं। दोनों देशों की सांस्कृतिक विरासत समान है। उन्होंने कहा कि संसदीय प्रतिनिधिमंडलों द्वारा यात्राओं के आदान-प्रदान के माध्यम से दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत किया जा सकता है।
यात्रा के दौरान, उन्होंने आपसी हितों पर चर्चा की, जिसमें निकटतम पड़ोसी भारत और बांग्लादेश के बीच मजबूत दोस्ती, वाणिज्य और व्यापार का विस्तार, आर्थिक प्रगति, ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग, जलवायु परिवर्तन और महिला सशक्तिकरण शामिल हैं।अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में, भारत-बांग्लादेश संबंध मजबूत और समेकित हुए और भारत के साथ गंगा जल बंटवारा संधि और भूमि सीमा समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए।
इसके अलावा, असम विधान सभा के अध्यक्ष बिस्वजीत दायमारी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में बांग्लादेश जातीय संसद का दौरा किया। इसके बाद शिरीन शर्मिन चौधरी ने भारत के लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को बांग्लादेश नेशनल असेंबली के स्वर्ण जयंती समारोह में आमंत्रित करने की उत्सुकता व्यक्त की।बैठक के दौरान बांग्लादेशी संसद सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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