95 फीसदी पत्रकार स्वतंत्र रूप से घटनाओं को नहीं कर सकते है कवर

अफगानिस्तान 95 फीसदी पत्रकार स्वतंत्र रूप से घटनाओं को नहीं कर सकते है कवर

Bhaskar Hindi
Update: 2022-01-17 05:30 GMT
95 फीसदी पत्रकार स्वतंत्र रूप से घटनाओं को नहीं कर सकते है कवर
हाईलाइट
  • तालिबान अधिकारियों का साक्षात्कार करने में कठिनाई

डिजिट डेस्क, काबुल। एक नए सर्वेक्षण से पता चला है कि 95 प्रतिशत अफगान पत्रकार स्वतंत्र रूप से घटनाओं को कवर नहीं कर सकते हैं और उन्हें जानकारी तक पहुंचने में भी समस्या होती है। खामा प्रेस ने बताया कि अफगानिस्तान के राष्ट्रीय पत्रकार संघ ने देश के सभी 34 प्रांतों में रविवार को जारी किए गए सर्वेक्षण में 500 मीडियाकर्मियों से पूछताछ की।

सर्वेक्षण के अनुसार 90 प्रतिशत पत्रकारों को जानकारी एकत्र करने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि तालिबान द्वारा पिछले अगस्त में अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद सूचना तक पहुंच का कोई विशेष कानून नहीं है। सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 30 प्रतिशत पत्रकारों को तालिबान अधिकारियों का साक्षात्कार करने में कठिनाई होती है, जबकि 50 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें आम जनता से बात करने में समस्या होती है।

यूनियन के प्रमुख मसरूर लुत्फी ने कहा कि सर्वेक्षण में शामिल 90 फीसदी लोगों का मानना है कि अफगानिस्तान में तालिबान अधिकारियों द्वारा मीडिया को सेंसर किया गया है। खामा प्रेस ने बताया कि सर्वेक्षण में संघ ने यह भी कहा कि उसके पास तालिबान द्वारा निर्धारित मीडिया कवरेज के लिए कोई कानूनी दस्तावेज और दिशानिर्देश नहीं है।

साथ ही पिछले 20 वर्षों के दौरान अफगानिस्तान में मीडिया की गतिविधियों के लिए एक कानूनी दस्तावेज था जिसने मीडिया कवरेज और सूचना तक पहुंच की सुविधा प्रदान की थी। लुत्फी ने कहा कि एक कानूनी दस्तावेज और दिशानिर्देश की अनुपस्थिति एक गंभीर समस्या है, जिसने लोगों को अपने हितों के आधार पर कहानियों को कवर करने के लिए मजबूर किया है। हम पत्रकारों के साथ होने वाली घटनाओं को तब तक संबोधित नहीं कर सकते जब तक हमारे पास तालिबान के दिशानिर्देश नहीं होंगे।

संघ के सदस्यों का मानना है कि एक दस्तावेज और दिशा-निर्देशों की कमी निश्चित रूप से अफगान मीडिया आउटलेट के पतन का कारण बनेगी। उन्होंने कहा कि तालिबान के देश पर कब्जे के बाद अफगान पत्रकारों का जीवन दिन-ब-दिन खराब होता जा रहा है और सूचना तक पहुंच पर और प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। तालिबान के कब्जे के बाद आर्थिक संकट के कारण 70 प्रतिशत से अधिक अफगान मीडिया आउटलेट बंद हो गए हैं।

 

(आईएएनएस)

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