'वन चाइना पॉलिसी' को माने भारत, ताइवान में पूर्व भारतीय सेना प्रमुखों के दौरे पर चीन ने जताई नाराजगी
- 'वन चाइना पॉलिसी' को माने भारत
- ताइवान में पूर्व भारतीय सेना प्रमुखों के दौरे पर चीन ने जताई नाराजगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ताइवान मसले को लेकर चीन ने अपना रुख साफ कर दिया है। गुरुवार को चीन ने कहा है कि दूसरो देशों को ताइवान से दूर रहना चाहिए। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि चीन की यह गीदड़-भभकी ऐसे समय में आया है, जब हाल ही भारत के पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे, नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह और वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने ताइवान का दौरा किया है। चीन ने कहा है कि भारत को 'वन चाइना पॉलिसी' का पालन करना चाहिए। इसके अलावा ड्रैगन ने यह भी कहा है कि भारत को ताइवान के साथ सैन्य और सुरक्षा सहयोग से भी दूर रहना चाहिए। बता दें ताइवन एक स्वतंत्र देश है। लेकिन इस देश पर चीन अपना दावा करता रहा है।
गौरतलब है कि, 8 अगस्त को पूर्व एडमिरल करमबिर सिंह, जनरल एमएम नरवणे और पूर्व चीफ ऑफ एयर स्टाफ आरकेएस भदौरिया केटागलन फोरम के 2023 इंडो-पैसिफिक सुरक्षा संवाद में शामिल होने के लिए ताइपे पहुंचे थे। हालांकि, भारत के उच्च सेना नेतृत्व की ओर से किए इस यात्रा को साधारण लेकिन बेहद दुर्लभ यात्रा के तौर पर देखा जा रहा है। भारत सेना की ओर से किए गए इस यात्रा के बाद से चीन आग बबूला नजर आ रहा है। इस कार्यक्रम को ताइवान के विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित किया था, जिसका उद्धाटन खुद ताइवानी राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने दिया था।
चीन ने भारतीय सेना के दौरे का किया विरोध
यात्रा के तीन हफ्ते बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने भारत का नाम लिए बिना कहा कि वह इसी तरह की यात्रा का दृढ़ता से विरोध करता है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने गुरुवार को बीजिंग में ब्रीफिंग के दौरान कहा, "चीन ताइवान अधिकारियों और चीन के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले देशों के बीच सभी प्रकार की आधिकारिक बातचीत का दृढ़ता से विरोध करता है।"
चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को प्रकाशित किया गया है। जिसके मुताबिक, वांग ने कहा है कि यह हमारी (चीन) सुसंगत और स्पष्ट रणनीति है। इसके अलावा चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान के सवाल पर कहा, " उन्हें (चीन) को उम्मीद है कि संबंधित देश वन चाइना पॉलिसी का पालन करेगा। साथ ही, वह देश ताइवान से संबंधित मुद्दों को विवेकपूर्ण और उचित तरीके से संभालेगा। इसके अलावा ताइवान के साथ किसी भी तरह के सैन्य और सुरक्षा सहयोग नहीं करेगा।" हालांकि, चीन के इस बयान पर भारतीय सेना की ओर से किसी भी तरह का बयान सामने नहीं आया है।