नेपाल में सड़कों पर उतरे सैंकड़ों प्रदर्शनकारी: हिंदू राष्ट्र बनाने और दोबारा राजशाही लागू करने की कर रहे मांग, बोले - भ्रष्टाचार कर रहीं राजनीतिक पार्टियां

  • नेपाल की सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी
  • नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाने की कर रहे मांग
  • राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेतृत्व में हो रहे विरोध प्रदर्शन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-10 16:23 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के पड़ोसी मुल्क नेपाल में हिंदू राष्ट्र बनाने और लोकतंत्र की जगह फिर से राजशाही बहाल करने की मांग तेज हो गई है। इसके समर्थन में राजधानी काठमांडू की कई जगहों पर बड़े विरोध प्रदर्शन हुए। न्यूज एजेंसी एपी के अनुसार, बुधवार को सैंकड़ों की संख्या में प्रदर्शकारी सड़कों पर उतरे और उन्होंने पीएम ऑफिस व अन्य सरकारी ऑफिसों में जाने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने उनकी झड़प भी हुई।

प्रदर्शन के दौरान कुछ लोग उस समय घायल हो गए जब वो एक प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसने की कोशिश में घायल हो गए। पुलिस ने प्रदर्शकारियों को रोकने के लिए लाठी, आंसू गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। यह विरोध प्रदर्शन देश दक्षिणपंथी दल राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेतृत्व में हुआ। इस दौरान प्रदर्शनकारी नारा लगा कर कह रहे थे, "हम अपने देश और राजा से अपनी जान से ज्यादा प्यार करते हैं। गणतंत्र को खत्म कर राजशाही की देश में वापसी होनी चाहिए।"

वहीं एक प्रदर्शनकारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, “इस देश के संविधान को बदलने की जरूरत है, जो राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) की मांगों में से एक है। यदि हम संविधान बदल सकते हैं, नेपाल को एक हिंदू राष्ट्र बना सकते हैं, और राजशाही बहाल कर सकते हैं। यही एकमात्र व्यवहार्य विकल्प है जो वर्तमान परिदृश्य में इस राष्ट्र को बचा सकता है अन्यथा राष्ट्र की और भी दुर्गति हो जाएगी जनता इस देश की और बुरी हालत नहीं देख सकती है, इसने लोगों को सड़क पर उतरने के लिए प्रेरित किया है और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया है।' बता दें कि इससे पहले फरवरी में प्रजातंत्र पार्टी ने 40 पॉइंट का एक मैमोरैंडम भी प्रधानमंत्री कार्यालय भेजा था। जिसमें भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की मांग की गई थी।

2007 में धर्मनिरपेक्ष राज्य बना था नेपाल

बता दें कि साल 2007 में नेपाल हिंदू राष्ट्र से एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बना था। इसी के साथ यहां बीते ढाई सौ साल से चली आ रही राजशाही का अंत हुआ था। इसके बाद इन 17 सालों में देश में 13 सरकारें रह चुकी हैं। बता दें कि नेपाल लंबे समय से राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है।

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