आतंकवाद: श्रीलंका सरकार का बड़ा बयान, गुजरात में गिरफ्तार चार आईएसआईएस संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला लेगी भारत सरकार

  • आईएस से जुड़े चार श्रीलंकाई नागरिकों को किया था गिरफ्तार
  • एटीएस ने19 मई को किया था गिरफ्तार
  • प्रतिबंधित संगठन इस्लामिक स्टेट के संपर्क में थे आरोपी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-27 13:32 GMT

डिजिटल डेस्क,कोलंबो। श्रीलंका की सरकार ने सोमवार को कहा कि पिछले हफ्ते अहमदाबाद हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किए गए चार श्रीलंकाई आईएसआईएस संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में भारत फैसला करेगा, जबकि यहां के अधिकारी इस बात की जांच करेंगे कि क्या वे द्वीप राष्ट्र में आतंकवादी कृत्यों में शामिल थे।

गुजरात आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) ने 19 मई को प्रतिबंधित संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े चार श्रीलंकाई नागरिकों को गिरफ्तार किया था, जो कथित तौर पर अपने पाकिस्तान स्थित आकाओं के निर्देशों के बाद भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने आए थे।

खबरों के मुताबिक चारों श्रीलंकाई आईएसआईएस संदिग्धों ने 19 मई को कोलंबो से चेन्नई के लिए इंडिगो कंपनी की उड़ान ली थी। श्रीलंका के कानून मंत्री विजयदास राजपक्षे ने संवाददाताओं से कहा भारत गिरफ्तार संदिग्धों से अपने कानून के मुताबिक कार्रवाई करेगा। श्रीलंका इस बात की जांच करेगा कि क्या वे यहां रहते हुए किसी आतंकवादी कृत्य में शामिल रहे हैं या किसी समूह की हेल्प की।

आपको बता दें पिछले हफ्ते, श्रीलंकाई अधिकारियों ने गुजरात में गिरफ्तार किए गए चार श्रीलंकाई लोगों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय अभियान चलाया। श्रीलंकाई पुलिस ने चार गिरफ्तार आईएसआईएस संदिग्धों के एक साथी को पिछले गुरुवार को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने कहा था कि संदिग्धों का सहयोगी मादक पदार्थों के एक तस्कर का बेटा है, जिससे पूछताछ की जा रही है।

श्रीलंका ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से संबंध रखने वाले अपने चार नागरिकों के बारे में सूचना हासिल करने के लिए एक जांच शुरू की है । आईएस से संबंध रखने वाले इन चार श्रीलंकाई लोगों को भारत में गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया है।सरकारी समाचार पीटीआई भाषा से मिली जानाकरी के मुताबिक इन लोगों को भारत में गिरफ्तार किया गया था, जब वे आतंकी गतिवधियों को अंजाम देने के एक कथित मिशन पर थे। गिरफ्तार चार आरोपियों में आरोपी मोहम्मद नुसरत (35), मोहम्मद फारुख (35), मोहम्मद नफरान (27) और मोहम्मद रसदीन (43) ने जांच अधिकारियों को बताया कि वे पहले प्रतिबंधित श्रीलंकाई कट्टरपंथी आतंकवादी संगठन, नेशनल तौहीद जमात (एनजेटी) से जुड़े थे।

गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने रविवार को चार श्रीलंकाई नागरिकों को कोलंबो से चेन्नई होते हुए अहमदाबाद के सरदार वल्लभाई पटेल हवाई अड्डे पर पकड़ा था। भारतीय पुलिस के मुताबिक ये लोग प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आदेश पर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारत आए थे और पाकिस्तान में रहने वाले श्रीलंका के एक नेता द्वारा कट्टरपंथी बनाए गए आईएस के सदस्य हैं।

डेली मिरर अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीलंका की खुफिया एजेंसी ने संदिग्धों की पृष्ठभूमि की पुष्टि करने और आईएस से उनके संबंधों की जांच करने के लिए अपने भारतीय समकक्ष से और जानकारी मांगी है। अखबार ने सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि जानकारी मिलने के बाद श्रीलंकाई अधिकारी आगे की कार्रवाई करने के लिए तुरंत जांच करेंगे।

सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री तिरान एलेस और पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) देशबंधु तेनाकून ने कहा कि वे इन रिपोर्टों को गंभीरता से ले रहे हैं और घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि एलेस और टेनाकून ने कहा कि वे संदिग्धों और उनकी गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी इकट्ठा करने के लिए भारतीय अधिकारियों के साथ चर्चा शुरू करेंगे। एलेस के हवाले से कहा गया, हम अपने भारतीय समकक्षों के साथ निकट समन्वय में काम कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं।

खबरों के मुताबिक गुजरात के पुलिस महानिदेशक विकास सहाय ने कहा कि पाकिस्तानी हैंडलर अबू बक्र अल बगदादी के संपर्क में आने के बाद वह आईएस में शामिल हुआ। एटीएस टीम ने आरोपियों के पास से जब्त किए गए मोबाइल फोन पर मिले भू-निर्देशांक और तस्वीरों के आधार पर शहर के नाना चिलोडा इलाके में एक स्थान पर लावारिस पड़ी तीन पाकिस्तान निर्मित पिस्तौल और 20 कारतूस बरामद किए। 

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