मीडिया संस्थान के संपादक: म्यांमा के एक पत्रकार को सैन्य अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई

  • आतंकवाद निरोधी कानून के तहत दोषी
  • किसी भी पत्रकार को दी गई सबसे कठोर सजा
  • दावेई वॉच’ के पत्रकार म्यो म्यिंट ऊ और आंग सान ऊ को घरों से गिरफ्तार किया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-29 04:46 GMT

डिजिटल डेस्क, बैंकॉक। म्यांमा की एक सैन्य न्यायालय ने एक स्थानीय पत्रकार को आतंकवाद निरोधी कानून के तहत दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सुनाई, सैन्य अदालत ने पत्रकार के एक सहकर्मी को भी 20 साल कारावास की सजा सुनाई है। बुधवार को मीडिया संस्थान के संपादक ने यह जानकारी दी।

सरकारी समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा से मिली जानकारी के अनुसार ऑनलाइन समाचार सेवा ‘दावेई वॉच’ के म्यो म्यिंट ऊ और आंग सान ऊ को दी गई सजा, फरवरी 2021 में सेना द्वारा आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार से सत्ता छीने जाने के बाद किसी भी पत्रकार को दी गई सबसे कठोर सजा मानी जा रही है। दावेई वॉच’ के पत्रकार म्यो म्यिंट ऊ और आंग सान ऊ को पिछले दिसंबर में यांगून से लगभग 560 किलोमीटर दक्षिण में स्थित तटीय शहर म्यीक में उनके घरों से अलग-अलग गिरफ्तार किया था। सेना द्वारा सत्ता हथियाने के बाद जनता का भारी विरोध देखा गया जिसके बाद से गृहयुद्ध जारी है। 

मीडिया संस्थान ‘दावेई वॉच’ के मुख्य संपादक ‘क्याव सान मिन’ ने बुधवार को एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि फरवरी में म्यीक जेल की एक सैन्य अदालत ने आंग सान ऊ को 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी, तथा मई में उसी अदालत ने म्यो म्यिंट ऊ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, लेकिन उन्हें आगे की जानकारी नहीं मिल सकी। मीडिया की स्वतंत्रता की वकालत करने वाले पेरिस के समूह ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ के अनुसार म्यांमा, दुनिया में पत्रकारों को जेल में डालने वाले देशों में से एक है, पहले स्थान पर चीन आता है।

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