हूती विद्रोहियों का बड़ा हमला: संयुक्त राष्ट्र के 9 कर्मियों को किया किडनैप, आर्थिक तंगी के चलते उठाया कदम
- हूती विद्रोहियों ने यूएन के कर्मचारियों को बनाया निशाना
- 9 लोगों को बनाया बंधक
- आर्थिक संकट का सामना करने के चलते उठाया कदम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग में इजरायल का विरोध कर रहे यमन के हूती विद्रोहियों ने संयुक्त राष्ट्र से जुड़े 9 लोगों को बंधक बना लिया है। इनमें यूएन ह्यूमन राइट्स एजेंसी, वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के स्टाफ और यूएन के स्पेशल एम्बेसडर के ऑफिस में काम करने वाला एक व्यक्ति भी शामिल है। इसके अलावा एक स्टाफ की पत्नी को भी किडनैप कर लिया गया है।
न्यूज एजेंसी एपी की खबर ने यूएन एजेंसी से जुड़े लोगों के हवाले से इसकी जानकारी दी। हालांकि अभी तक न तो हूती विद्रोही और न ही यूएन की ओर से इस बार में कोई जानकारी दी गई है। न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी और अन्य देशों के हवाई हमले के चलते हूती विद्रोही आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। इस घटना से पहले हूती विद्रोहियों ने अंतराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कराने के लिए यमन में 44 लोगों मौत की सजा दी थी।
करीब एक दशक पहले यमन की राजधानी पर कब्जा करने वाले हूती विद्रोही कुछ समय से लाल सागर और हिंद महासागर में अमेरिकी व अन्य पश्चिमी देशों के जहाजों को निशाना बना रहे हैं। वह ऐसा करके इजराइल पर गाजा में जंग रोकने का दबाव बना रहे हैं। हूतियों के हमलों से बचने के लिए नवंबर 2023 से दुनियाभर के कॉमर्शियल जहाज लाल सागर की जगह अफ्रीका से होते हुए गुजर रहे हैं। इसी साल फरवरी में हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक कार्गो शिप को हाईजैक कर लिया था। तुर्किये से भारत आ रहे इस जहाज को हूती विद्रोहियों ने इसे इजराइल का जहाज समझ कर हाईजैक किया था।
बता दें कि सऊदी अरब के बढ़ते धार्मिक प्रभाव के विरोध के फलस्वरुप हूती विद्रोह का जन्म हुआ था। हूती आंदोलन की नींव साल 1990 में हुसैन बदरेद्दीन अल-हूती ने रखी थी जो कि अल-हूती यमन के जैदी शिया अल्पसंख्यक समुदाय से थे। इस समुदाय की यमन की आबादी में एक तिहाई की हिस्सेदारी है। यमने सेना द्वारा साल 2004 में हुसैन की द्वारा हत्या कर दी गई, जिसके बाद हूती समुदाय की कमान उनके भाई अब्दुल मलिक के हाथ में आ गई।