हृदय रोग: पिछले सालों में हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर की घटनाएं बढ़ी, भारत में 25 प्रतिशत मौत का कारण हृदय रोग!
हृदय रोग के कारण 25 प्रतिशत मौतें होती हैं
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भारत में बढ़ते हृदय रोग जन स्वास्थ्य की एक बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार, हृदय रोग भारत में होने वाली मौतों का मुख्य कारण हैं, जिनकी वजह से 25 प्रतिशत मौतें होती हैं। डॉ. युगल किशोर मिश्रा, चीफ, क्लिनिकल सर्विसेज़, हेड, कार्डियेक साईंसेज़ एवं चीफ वैस्कुलर सर्जन, एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल्स, द्वारका के अनुसार, पिछले सालों में हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर की घटनाएं काफी बढ़ी हैं, जिनमें से कई जानलेवा भी बनी हैं।
उन्होंने बताया कि, हृदय रोग, जैसे एरिद्मिया, वॉल्व में ब्लॉकेज, जन्मजात हृदय रोग, और अचानक कार्डियेक अरेस्ट पड़ने से युवा भी प्रभावित हो रहे हैं। हृदय रोग के क्या कारण हैं और चिकित्सा में किन नई तकनीकों का उपयोग बचाव और उपचार के लिए किया जा रहा है, इस पर उन्होंने जानकारी दी।
मशहूर हार्ट सर्जन, डॉ. युगल किशोर मिश्र ने बताया कि, आज मिनिमली इनवेसिव और रोबोटिक सर्जरी का उपयोग हृदय रोगों से बचाव और उपचार के लिए किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि, दिल्ली-स्थित एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल्स ने अक्षय हॉस्पिटल, भोपाल के साथ गठबंधन में अपनी स्पेशलाईज़्ड कार्डियो ओपीडी शुरू की है। इस विशेष ओपीडी में क्रोनिक हृदय रोग के पीड़ितों का इलाज किया जाएगा। डॉ. मिश्र ने बताया कि, वे हर माह भोपाल का दौरा करेंगे, और हृदय रोगियों को विशेषज्ञ परामर्श के साथ विश्वस्तरीय इलाज, जैसे मिनिमली इनवेसिव और रोबोटिक सर्जरी प्रदान करेंगे। चिकित्सक के अनुसार, हैल्थकेयर में अग्रणी, मणिपाल हॉस्पिटल्स भारत में शीर्ष हैल्थकेयर प्रदाताओं में से एक है, जो हर साल 4.5 मिलियन से ज्यादा मरीजों का इलाज करता है।
उन्होंने बताया कि, भारत में हृदय रोग की बढ़ती घटनाओं के अनेक कारण हैं, जिनमें अन्य रोगों की मौजूदगी, जीवनशैली, उम्र, और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की कम उपलब्धता शामिल है। इन वजहों से लोगों, परिवारों और समुदायों के स्वास्थ्य पर गहरा असर हो सकता है। डॉ. मिश्र ने बताया कि, मेडिकल टेक्नोलॉजी में हुई प्रगति तथा मिनिमली इन्वेज़िव सर्जरी, रोबोटिक सीएबीजी, टीएवीआर आदि जैसी उन्नत सर्जिकल प्रक्रियाओं द्वारा कम चीर-फाड़ और तेज स्वास्थ्य लाभ के साथ उन लोगों को बेहतर परिणाम प्रदान किए जा सकते हैं, जो पारंपरिक सर्जरी को सहन करने में असमर्थ हैं।
इस तरह की टेक्नोलॉजी ने हृदय रोगों के इलाज में परिवर्तन ला दिया है, और मरीजों को इलाज के ज्यादा विकल्प प्रदान कर दिए हैं।’’ उन्होंने बताया कि, अपने मल्टीस्पेशियल्टी एवं टर्शियरी केयर डिलीवरी स्पेक्ट्रम द्वारा किफायती और हाई क्वालिटी हैल्थकेयर फ्रेमवर्क का विकास करना और आउट-ऑफ-हॉस्पिटल केयर तक इसका विस्तार करना अस्पताल का उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि, हॉस्पिटल्स को विभिन्न कंज़्यूमर सर्वेक्षणों में सबसे सम्मानित और पेशेंट-रिकमेंडेड हॉस्पिटल के रूप में मान्यता दी गई है।