मोटी कमर वालों के शरीर में होती हैं ये घातक बीमारियां, शोध में सामने आई ये अहम जानकारी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-05-18 09:57 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। आजकल की भागदौड़ भरी जिंन्दगी और खराब लाइफस्टाइल के चलते हम कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। इन बढ़ती बीमारियों में से एक मोटी कमर की समस्या है, जो तेजी से पैर पसार रही है। व्यस्तता के चलते ज्यादातर लोग फिजिकल एक्टिवटी और व्यायाम करने का समय नहीं निकाल पाते, जिसके चलते उनकी कमर का वजन कब बढ़ जाता है। लेकिन ​हाल ही में एक शोध पत्र मोटी कमर से होने वाली समस्याओं को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है। शोध में कहा गया है कि, कमर का बढ़ना हार्ट को बेहद नुकसान पहुंचा सकता है। इस शो में मोटी कमर को हार्ट अटैक का प्रमुख कारण बताया गया है। आइए जानते हैं इस शोध के बारे में...

इन लोगों में खतरा 10 से 11 फीसदी तक बढ़ा
मोटी कमर की समस्या का उल्लेख ब्रिटेन के अखबार द मिरर में भी हुआ है। अखबार में मौजद एक स्टडी के अनुसार बढ़ती कमर से हार्ट अटैक आने का खतरा 10 से 11 फीसदी तक बढ़ गया है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक्सपर्टस ने हाल ही में 4,30,000 लोगों पर स्टडी की, जिसमें पाया गया कि लोगों को पेट कम करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए।

एक शोध के मुताबिक मोटी कमर ने 40 से 70 वर्ष के लोगों के बॉडी मास इंडेक्स (BMI) को ज्यादा आघात किया है। कमर पर हर इंच बढ़ने से हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर बिमारियों का खतरा 4 प्रतिशत की तेजी से बढ़ जाता है। स्वास्थ और सेहत से जुड़े कई विशेषज्ञों की राय है यदी शरीर में फैट जम रहा हो तो उसे जल्द से ज्लद कम करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

ये हैं प्रमुख संकेत

मोटी कमर का रोग शरीर में कार्डियोवैस्कुलर डिजिस को उत्पन्न करने में बढ़ावा देता है।आंतों में जमा फैट कार्डियोवैस्कुलर रोग का स्त्रोत है। मोटी कमर का एक विशिष्ट कारण बॉडी मास इंडेक्स की बढ़ौतरी भी है जो दिल की गति के रुकने का खतरा 9 प्रतिशत तक बढ़ा देता है। शरीर इस समस्या का संकेत तब देता है जब हार्ट खून को ठीक तरह से पम्प नही कर पाता है और शरीर के बाकी हिस्सों तक खून पर्याप्त मात्रा में नही पहुंच पाता है। इसके अलावा शरीर में साँस फूलना, थकावट महसूस होना, चक्कर आना, घुटनों और पैरों में सूजन होना जैसे अन्य संकेत है।

कमर की वेसटलाइन का मेंटेन करें
जापान में हुई एक रिसर्च में पता चला है 40 से 74 वर्ष के सरकारी कर्मचारी और स्थानीय लोगों को कमर की वेसटलाइन का मेंटेन करना चाहिए। पुरुषों की कमर 33.5 इंच तय की गई है। जापान के लोग यह कानून हर साल फॉलो करते हैं।

कमर में फैट की मात्रा अधिक जमने से शरीर में दिल और रक्त वाहिकाओं के काम करने की क्रिया बुरी तरह से प्रभावित होती है। मोटी कमर की परेशानी से जूझ रहे लोगों में टाईप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रैशर, कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ता है। मोटी कमर और उससे जुड़े दुष्परिणाम से बचने के लिए वजन को नियंतित्र रखना काफी लाभदायक साबित हो सकता है।   

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (डॉक्टर/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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