रिसर्च में हुआ खुलासा, अकेले रहने वाले लोगों को मानसिक विकार का खतरा ज्यादा

रिसर्च में हुआ खुलासा, अकेले रहने वाले लोगों को मानसिक विकार का खतरा ज्यादा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-05 05:48 GMT
रिसर्च में हुआ खुलासा, अकेले रहने वाले लोगों को मानसिक विकार का खतरा ज्यादा

डिजिटल डेस्क। एक नई रिसर्च के मुताबिक यह बात सामने आई है कि अकेले रहने वाले व्यक्ति की उम्र चाहे कुछ भी हो, उसमें दिमागी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। फ्रांस की यूनिवर्सिटी ऑफ वर्सेस सेंट क्वेंटिन-एन विलेंस के शोधकर्ताओं ने बताया कि शादी न करने की बढ़ती चाहत, घटती प्रजनन क्षमता और बुढ़ापे के कारण अकेले रहने वालों की संख्या बढ़ रही है।

अकेलेपन और दिमागी समस्याओं के बीच संबंध को लेकर पहले हुए अध्ययन बड़ी उम्र के लोगों पर ही केंद्रित रहे हैं। युवाओं पर इसके असर को लेकर शोध नहीं किए गए। नए अध्ययन में 16 से 64 साल की उम्र के 20,500 लोगों को शामिल किया गया। शोधकर्ता लुईस जैकब ने कहा, "इंग्लैंड में आमतौर पर लोगों को होने वाली दिमागी परेशानी का संबंध अकेलेपन से पाया गया है।

यह देखने के लिए कि अकेले रहने के मानसिक विकार की संभावना कैसे प्रभावित होती है, शोधकर्ताओं ने इंग्लैंड में नेशनल साइकियाट्रिक मॉर्बिडिटी सर्वे में 20,000 से अधिक लोगों की प्रतिक्रियाओं का मूल्यांकन किया। इन्हें साल 1993, 2000 और 2007 में पेश किया गया था। अपनी वर्तमान जीवन स्थिति और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में सवालों के अलावा, प्रतिभागियों से उनके सोशल सपोर्ट, शराब और ड्रग्स के सेवन, अकेलापन, वर्तमान जीवन व्यवस्था, ऊंचाई और वजन पर भी सवाल पूछे गए थे। शोध में यह भी पाया गया कि अकेलेपन का असर हर उम्र की महिला और पुरुष पर पड़ता है।

दिल को स्वस्थ रखता है अखरोट
वहीं, अमेरिका में हुए एक अन्य शोध में पता चला है कि रोजाना अखरोट का सेवन दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है। अमेरिका की पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया कि जो लोग कम सैचुरेटेड फैट का इस्तेमाल करते हैं और रोजाना अखरोट का सेवन करते हैं, उनका सेंट्रल ब्लड प्रेशर कम रहता है। दिल जैसे अहम अंगों पर पड़ने वाले खून के दबाव को सेंट्रल ब्लड प्रेशर कहा जाता है।

इस दबाव से पता चलता है कि व्यक्ति में दिल की बीमारियों का खतरा कितना है। इस प्रेशर के कम होने से खतरा भी कम हो जाता है। शोधार्थी एलिसा टिंडल ने कहा, "अखरोट में अल्फा लिनोलेनिक एसिड (एएलए) होता है। यह ओमेगा-3 फैट है, जिससे ब्लड प्रेशर पर सकारात्मक असर पड़ता है।" हालांकि वैज्ञानिक अभी यह नहीं जान पाए हैं कि सेंट्रल ब्लड प्रेशर पर एएलए से असर पड़ता है या अखरोट में मिलने वाले पॉलीफिनोल जैसे अन्य तत्वों से। इस संबंध में अन्य शोध किए जा रहे हैं। 

 

 

 

 

 

 

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