निमोनिया के मरीजों को राहत: स्वास्थ्य मंत्री ने लॉन्च की भारत की पहली पूरी तरह से स्वदेशी न्यूमोकोकल वैक्सीन, पिछले टीकों से कम होंगे दाम
निमोनिया के मरीजों को राहत: स्वास्थ्य मंत्री ने लॉन्च की भारत की पहली पूरी तरह से स्वदेशी न्यूमोकोकल वैक्सीन, पिछले टीकों से कम होंगे दाम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (सीआईआई) ने भारत की पहली स्वदेशी विकसित न्यूमोकोकल वैक्सीन न्यूमोसिल को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की हर्षवर्धन ने लॉन्च किया। संख्या (क्वांटिटी) के मामले में दुनिया के सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता सीआईआई ने सोमवार को जानकारी दी कि पूर्णतया स्वदेशी वैक्सीन न्यूमोसिल को लॉन्च किया जा रहा है।
न्यूमोसिल को सीरम इंस्टीट्यूट, पीएटीएच और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के बीच एक दशक में सहयोग के माध्यम से विकसित किया गया है। इसे महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है, जो कि न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन सामथ्र्य में सुधार लाने और निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए स्थायी पहुंच को सक्षम करेगा। टीका बच्चों को न्यूमोकोकल रोगों (निमोनिया) के खिलाफ प्रभावी और लंबे समय तक चलने वाला संरक्षण प्रदान करेगा। इस अवसर पर अपने हर्षवर्धन ने संबोधन में कहा कि यह देश की सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि बच्चों को एक सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाले टीके (वैक्सीन) के साथ न्यूमोकोकल बीमारी से बेहतर तरीके से बचाया जा सके।
न्यूमोसिल के लॉन्च के बारे में, सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा, वर्षों से हमारा निरंतर प्रयास नियमित आपूर्ति के साथ उच्च गुणवत्ता वाले टीके प्रदान करना रहा है, जो दुनियाभर में बच्चों और परिवारों के लिए उत्कृष्ट प्रतिरक्षण कवरेज सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा कि यह बच्चों को न्यूमोकोकल बीमारी से बचाने के लिए एक आदर्श विकल्प है।
अदार पूनावाला ने कहा कि इस बीमारी की वजह से दुनियाभर में पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए खतरा बना रहता है। 2018 में इस वजह से 67,800 बच्चों की मौत पांच साल से कम उम्र में हो गई। ऐसे बच्चों को बचाने में यह वैक्सीन कारगर रहेगी। सीरम इंस्टीट्यूट वह दवा कंपनी है, जो भारत में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन का परीक्षण और उत्पादन कर रही है।